अल्मोड़ाः सीएम पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशभर में सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए है। लेकिन जिले में एनएच के अधिकारी सीएम की मंशा का पालन करने में नाकाम साबित हो रहे है। चितई में नोटिस और अल्टीमेटम देने के बावजूद अतिक्रमणकारी डटे हुए हैं वही, अधिकारी कार्रवाई के नाम पर हीलाहवाली कर रहे हैं। जिससे एनएच पर कई सवाल खड़े हो रहे है।
दरअसल, अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ हाईवे में चितई कस्बा लंबे समय से अतिक्रमण की जद में है। चितई मंदिर एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। स्थानीय लोगों के साथ ही यहां सैकड़ों की तादात में हर रोज ऋद्धालु दर्शन व पूजा अर्चना के लिए पहुंचते है। वाहनों के अधिक दबाव व एनएच में अतिक्रमण के चलते कई बार यहां जाम की स्थिति पैदा हो जाती है यही नहीं मंदिर के मुख्य प्रवेश द्वार में काफी अंदर तक कुछ लोग रास्ते के दोनों ओर फड़ लगाए हुए है। मंदिर के बाहर हाईवे के किनारे कई पूजा सामाग्री के ठेले लगे हुए है। यही नहीं कई लोगों ने अपने दुकानों से काफी बाहर तक अस्थायी टिन शेड डाले है जो कि एनएच की संपत्ति है।
हालात यह है कि बीते 25 अप्रैल को अल्मोड़ा दौरे पर आए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जब दर्शन के लिए चितई मंदिर पहुंचे तो उस दरमियान भी चितई में जाम लग गया था। तब वहां मौजूद तत्कालीन डीएम वंदना ने तत्काल अधिशासी अभियंता, एनएच को चितई कस्बे में हुए अतिक्रमण को हटाने के निर्देश दिए थे। डीएम के निर्देश के बाद एनएच ने 18 अतिक्रमणकारियों को नोटिस थमाए। लेकिन एनएच से नोटिस प्राप्त होने के बाद न तो अतिक्रमणकारियों ने अपना अतिक्रमण हटाया और न ही एनएच की ओर से अतिक्रमण पर कोई कार्रवाई हुई। नोटिस भेजने के करीब एक माह से अधिक समय बाद भी चितई में हालात आज भी जस के तस बने हुए है।
नोटिस व अल्टीमेटम के एक माह से अधिक समय बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होने से एनएच के अधिकारियों पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। क्या एनएच के अधिकारी सीएम के निर्देश का पालन नहीं करते? एनएच के अधिकारी इस मामले को दबाना चाहते है? या फिर कोई राजनीतिक दबाव इस मामले को प्रभावित कर रहा है? सवाल यह भी है कि चितई में कई सालों से कुछ लोगों ने अतिक्रमण किया है आखिर इसका जिम्मेदार कौन? ऐसे कई सवाल चर्चा में है।
इधर, चितई में अतिक्रमण को लेकर जिला प्रशासन व एनएच में सामंजस्य की कमी भी साफ नजर आ रही है। एई, एनएच खंड किशन बिष्ट का कहना है कि अतिक्रमणकारियों को नोटिस भेजने के बाद जिला प्रशासन को पत्र लिखा गया है। वही, उपजिलाधिकारी गोपाल सिंह चौहान ने एनएच की ओर से अतिक्रमण को लेकर कोई भी पत्र प्राप्त नहीं होने की बात कही है।
अधिशासी अभियंता, एनएच खंड महेंद्र कुमार ने बताया कि अतिक्रमणकारियों को पर्याप्त नोटिस भेजे गए है। बावजूद इसके कई अतिक्रमणकारियों ने अतिक्रमण नहीं हटाया है। जल्द ही जिला प्रशासन की ओर से तिथि तय की जाएगी। जिसके बाद विशेष अभियान चलाकर अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की जाएगी।
इधर, डीएम विनीत तोमर ने कहा कि अगर अतिक्रमण है तो उस पर कार्रवाई होगी और विभाग कोई मदद मांगता है तो उसे मदद दी जाएगी।