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उपपा तय करेगी हिमालयी राज्य ‘उत्तराखंड’ का भविष्य, दो दिवसीय सम्मेलन में कई मुद्दों पर हुआ चिंतन-मनन

गैरसैंण(चमोली): महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, अमर बलिदानी श्रीदेव सुमन के बलिदान दिवस पर उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी द्वारा गैरसैंण में दो दिवसीय प्रदेश स्तरीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन में चमोली जिले के साथ ही अल्मोड़ा, नैनीताल, रामनगर, हरिद्वार, द्वाराहाट, खनसर, पौड़ी के साथ ही प्रदेश के कई इलाकों से कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया। 24 व 25 जुलाई को हुए इस दो दिवसीय सम्मेलन में राज्य की अवधारणा और अस्मिता से हो रहे सुनियोजित खिलवाड़, पूंजीपतियों, माफियाओं द्वारा जमीनों व प्राकृतिक संसाधनों की निर्मम लूट व रोजगार के नाम पर युवाओं से हो रही ठगी, गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाने, प्रदेश में भूमाफियाओं का बढ़ता दखल, महंगाई, शिक्षा के बढ़ते व्यवसायीकरण समेत कई मुद्दों पर मंथन किया गया।

रामलीला मैदान, गैरसैंण में आयोजित सम्मेलन में सर्वप्रथम कार्यकर्ताओं ने महान बलिदानी श्रीदेव सुमन के चित्र पर माल्यार्पण व पुष्प चढ़ाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके बलिदान को याद किया। पेशावर कांड के नायक स्व. चंद्र सिंह गढ़वाली की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर ‘चंद्र सिंह गढ़वाली अमर रहे’ के नारे लगाए। वही, राज्य आंदोलन के दौरान अपनी लेखनी के माध्यम से आम जन को जगाने वाले राज्य आंदोलनकारी और वरिष्ठ पत्रकार रहे स्व. पुरुषोत्तम असनोड़ा को श्रद्धांजलि देकर याद किया गया।

 

इस मौके पर उपपा के केंद्रीय अध्यक्ष पी.सी तिवारी ने कहा कि गैरसैंण उत्तराखंड की अवधारणा है। लोगों ने एक हिमालयी पर्वतीय राज्य उत्तराखंड मांगा था, जिसके लिए 42 लोगों ने अपनी शहादत दी। लेकिन उत्तराखंड में माफियाओं के प्रभावित गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाकर राज्य की अवधारणा को समाप्त किया गया। परिसीमन में सीटें कम करके राजनैतिक ताकत व चेतना को समाप्त किया गया। सरकारों के संरक्षण में राज्य की जमीन, प्राकृतिक संसाधनों व बड़ी-बड़ी योजनाओं को कुछ प्रभावशाली लोगों को सौंप कर राज्य को खोखला करने का काम किया। नौकरियों में भ्रष्टाचार व बेईमानी कर राज्य के युवाओं के साथ छलावा कर उन्हें बुरी तरह आहत किया गया है। इन सारी समस्याओं से कैसे निपटा जाए यह एक राजनैतिक प्रश्न है।

तिवारी ने कहा कि उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी राज्य का एकमात्र राजनीतिक दल है जिसका रजिस्टर्ड कार्यालय गैरसैंण में है। जो हिमालय और उत्तराखंड के विकास की समझ के साथ राज्य को बर्बाद करने वाले माफियाओं, लुटेरों, नौकरशाहों से टकराने की हिम्मत रखती है। पार्टी ने पिछले 14 सालों में जरूरी मुद्दों पर कठोर व निरंतर संघर्ष किया है, जिससे प्रदेश की जनता आज उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी की जरुरत महसूस कर रही है। राज्य का वह संघर्षशील व्यक्ति जो महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, प्राकृतिक संसाधनों की लूट, कानूनी रूप से लोगों के अधिकारो के छीनने से आहत होकर आज नया राजनैतिक विकल्प तलाश रहा है, वह उसे परिवर्तन पार्टी में मिलेगा और उपपा सभी लोगों के साथ मिलकर उत्तराखंड को एक बेहतर राज्य बनाने की ओर बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि राज्य की अस्मिता की रक्षा के लिए फैसले यहां के लोग करेंगे, दिल्ली से रिमोर्ट कंट्रोल से चलने वाली सरकारें नहीं। जिसकी लड़ाई उपपा लड़ रही है। उन्होंने कहा कि अगर हम लोगों ने उत्तराखंडी अस्मिता की रक्षा नहीं कि तो उत्तराखंडी अस्मिता व हिमालय का विनाश पूरे देश का विनाश बनेगा। इसलिए राज्य की जनता को सोचना होगा कि पिछले 23 सालों में यहां के राजनैतिक खलनायकों ने क्या किया, और कैसे हम उन्हें सजा दे सकते है और कैसे अपने राज्य का परिदृश्य बदल सकते है।

इस दौरान उपपा अध्यक्ष पी.सी तिवारी ने भाजपा को आड़े हाथ लिया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में जमीनों की लूट, माफियाओं की मनमानी, अंकिता हत्याकांड, हेलंग के मामले, बद्रीनाथ-केदारनाथ के घपले, बेरोजगारी, महंगाई सभी जरूरी मुद्दों से ध्यान भटकाने व अपने वोट बैंक को साधने के लिए डबल इंजन वाली भाजपा सरकार व उनकी पार्टी राज्य में साम्प्रदायिक व जातिय उन्माद पैदा कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार के पास कहने को कुछ नहीं है। जनता अब समझ चुकी है।

उपपा अध्यक्ष तिवारी ने कहा कि आगामी संसदीय चुनाव समेत उपचुनाव व निकाय चुनाव में पार्टी मजबूती के साथ उतरेगी। राज्य की जनता उपपा को अपना वोट देकर इस जनविरोधी सरकार व उत्तराखंड को लूटने वाले इन पार्टियों को सबक सिखाएगी।

केंद्रीय सचिव अब्बल सिंह भंडारी ने अपने संबोधन में कहा कि उन्होंने राज्य की क्षेत्रीय पार्टियों में रहकर देख लिया, लेकिन हिमालयी राज्य उत्तराखंड का भविष्य अगर कोई तय कर सकती है तो वह उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी है। उपपा राज्य में जमीनी लड़ाई लड़ रही है। राज्य की जनता अब एक राजनैतिक विकल्प के तौर पर परिवर्तन पार्टी की ओर उम्मीद भरी नजरों से देख रही है। उन्होंने कहा कि पहाड़ की जमीन व प्राकृतिक संसाधनों को भूमाफियाओं व प्रभावशाली लोगों से बचाना सबसे बड़ा सवाल है।

पार्टी के प्रधान महासचिव प्रभात ध्यानी ने कहा कि गैरसैंण स्थायी राजधानी का मसला हो, जल, जंगल, जमीन पर राज्य की जनता का अधिकार, प्राकृतिक संसाधनों की लूट को रोकने, रोजगार, शिक्षा, कृषि, पलायन, परिसीमन ये सभी ऐसे सवाल है जो राज्य बनने के बाद आज तक अनसुलझे रह गये है। बारी-बारी से उत्तराखंड में राज करने वाली भाजपा-कांग्रेस ने कभी भी इन मुद्दों पर काम नही किया। उन्होंने कहा कि राज्य गठन के लिए अपना बलिदान देने शहीदों की शहादत व इस विरासत को उपपा व्यर्थ नहीं जाने देगी। इसी संकल्प को लेकर परिवर्तन पार्टी ने गैरसैंण में एकजुट होकर चिंतन, मनन किया।

जिलाध्यक्ष अल्मोड़ा महेश फुलारा ने कहा कि उत्तराखंड में बारी-बारी से राज करने वाली भाजपा-कांग्रेस ने राज्य को लूटने का काम किया। विकास के नाम पर राज्य को विनाश के मुहाने पर खड़ा कर दिया। इन पार्टियों को राज्य के मूलभूत समस्याओं व आवश्यकताओं से कुछ लेना-देना नहीं है। सत्त्ता की चाबी कब्जाने के लिए भाजपा-कांग्रेस ने हमेशा लोगों के साथ छलावा किया है। राज्य की जनता अब परिवर्तन का मन बना चुकी है।

महासचिव नरेश नौड़ियाल ने कहा कि भाजपा राज में आज सरकार संविधान का माखौल उड़ाने में लगी है। संविधान की अवहेलना कर लोगो का दमन व उत्पीड़न किया जा रहा है। अपने खिलाफ उठने वाली आवाज को सरकार द्वारा कुचलने का काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बढ़ते महिला अपराधों, नफरत, हिंसा, साम्प्रदायिकता के खिलाफ सभी क्षेत्रीय दलों व जनसंगठनों द्वारा जनजागरण के लिए प्रस्ताव तैयार किया है साथ ही हस्ताक्षर अभियान चलाया जा रहा है। जिसे आगामी 9 अगस्त को अगस्त क्रांति दिवस के मौके पर देहरादून में सम्मेलन कर मुख्यमंत्री को भेजा जाएगा।

स्थायी राजधानी गैरसैंण संयुक्त संघर्ष समिति के अध्यक्ष नारायण सिंह बिष्ट ने कहा कि स्थायी राजधानी गैरसैंण शहीदों की ही नही बल्कि पूरे उत्तराखंड के लोगों का सपना है। ताकि पहाड़ी क्षेत्रों का विकास हो सके। लेकिन गैरसैंण को लेकर सभी सरकारों की अपनी-अपनी नीति चली। सरकारों की उदासीनता व निष्क्रियता का ही परिणाम है कि आज भी उत्तराखंड की स्थायी राजधानी का मसला हल नहीं हो पाया। जिस उद्देश्य के साथ उत्तराखंड राज्य का गठन हुआ वह आज सपनें बनकर रह गए। जिसकी दोषी सिर्फ व सिर्फ आज तक राज्य में राज करने वाली सरकारे है।

बिष्ट ने कहा की गैरसैंण में करोड़ों-अरबो रुपये की लागत से विधानसभा भवन बनाया गया, वह वर्तमान में एक पिकनिक स्पॉट बनकर रह गया। उन्होंने कहा कि गैरसैंण स्थायी राजधानी हो, अगर सरकार की यह मंशा ही नहीं है तो क्यों भवनों व अन्य विकास कार्यो के नाम पर यहां करोड़ो रूपये बहाये जा रहे है?

केंद्रीय सदस्य जसवंत सिंह बिष्ट ने स्थानीय मुद्दों के साथ भाजपा-कांग्रेस पर प्रहार किया। उन्होंने कहा कि गैरसैंण की समस्याए आज भी जस की तस है। यहाँ विकास के नाम पर भाजपा-कांग्रेस के नेताओ ने सिर्फ राजनीति की। हर घर नल, हर घर जल योजना के तहत आज भी नलों में पानी नहीं पहुँच पाया। पहाड़ की सड़कें बदहाल है। आये दिन सड़क दुर्घटनाओं में लोग अपनी जान गंवा रहे है लेकिन सरकार ने आंखों में काली पट्टी बांधी हुई है। जिसका जवाब आने वाले चुनाव में जनता जरूर देगी।

केंद्रीय उपाध्यक्ष जे.पी बड़ौनी ने कहा कि शहीदों ने जिन सपनों के साथ उत्तराखंड राज्य के गठन की लड़ाई लड़ी, वे सब सपने, सपने ही रह गए। सरकार जल, जंगल, जमीन को बचाने के बजाय उसका दोहन करने पर तुली है।

उत्तराखंड छात्र संगठन के दीपांशु पांडे ने कहा कि उत्तराखंड में आज शिक्षा का व्यवसायीकरण तेजी से बढ़ रहा है। माफियाओं के दख़ल से आज शिक्षा इतनी महंगी हो गई है कि कई लोग अच्छी शिक्षा ग्रहण करने से वंचित है। उन्होंने राज्य के युवाओं से शिक्षा के बाजारीकरण व व्यवसायिकरण के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए एकजुट होने व उत्तराखंड छात्र संगठन के साथ जुड़कर इस लड़ाई को लड़ने में अपना योगदान देने की अपील की।

 

जनसभा व प्रदर्शन के बाद जनगीत गाते हुए व जोरदार नारेबाजी कर गैरसैंण बाजार में एक विशाल जुलूस निकाला गया।

कार्यक्रम में उपपा की केंद्रीय उपाध्यक्ष आनंदी वर्मा, केंद्रीय सचिव नारायण राम, अमीनुर्रहमान, प्रकाश चंद्र, केद्रीय सदस्य व आयोजक भैरव दत्त असनोड़ा, दिनेश उपाध्याय, घनश्याम मेंदोली, हीरा देवी, राजू गिरी, बलवंत बिष्ट, दीवान सिंह बिष्ट, गिरधारी कांडपाल, बसंत खनी, हेम पांडे, हर सिंह, जोगा राम, लक्ष्मी प्रसाद तिवारी, मुकेश गिरी, उछास के दीपांशु पांडे, राकेश समेत कई कार्यकर्ता मौजूद रहे।

 

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