अल्मोड़ा: गोविंद बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान कोसी, कटारमल में आर.एस. टोलिया उत्तराखंड प्रशासन अकादमी नैनीताल के उत्तराखंड कैडर के नवनियुक्त आईएएस अधिकारियों ने भ्रमण किया। संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक ई. किरीट कुमार ने सभी नवनियुक्त आईएएस अधिकारियों का स्वागत किया और कार्यक्रम में सहभागिता के लिए सबका आभार जताया।
कार्यक्रम के संयोजक और संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. पारोमिता घोष ने सभी आगंतुकों को संस्थान तथा इसकी क्षेत्रीय इकाइयों द्वारा हिमालयी क्षेत्रों में विभिन्न पर्यावरणीय मुद्दों पर किये जा रहे विभिन्न विकासात्मक कार्यों और हितधारकों द्वारा लिये जा रहे लाभों से सबको अवगत कराया।
कार्यक्रम के पहले सत्र की शुरुआत संस्थान के इको स्मार्ट मॉडल गांव की सफलता की कहानी- ज्योली ग्राम समूह, संस्थान के ग्रामीण तकनीकी परिसर का सामाजिक परिदृश्य, उत्तराखंड में वसंत पुनर्जीवन अध्ययन तथा उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग विषयों पर संस्थान द्वारा किये जा रहे विकासात्मक कार्यों को डॉक्यूमेंट्री के माध्यम से दिखाया गया और संस्थान के वैज्ञानिकों तथा आईएएस अधिकारियों के मध्य डॉक्यूमेंट्री के मुद्दों और अन्य संबंधित विषयों पर विस्तृत परिचर्चा की गई।
कार्यक्रम के दूसरे सत्र में संस्थान द्वारा चलायी जा रही चौदास घाटी में औषधीय पौधों की खेती, जलवायु परिवर्तन और प्राकृतिक आपदाएं, विषयों पर संस्थान द्वारा किये जा रहे विकासात्मक कार्यों को डॉक्यूमेंट्री के माध्यम से दिखाया गया और संस्थान के वैज्ञानिकों तथा आईएएस अधिकारियों के मध्य डॉक्यूमेंट्री के मुद्दों और अन्य संबंधित विषयों पर विस्तृत परिचर्चा की गई।
इसके बाद सभी आईएएस अधिकारियों को संस्थान के मुख्य स्थलों, भारतीय हिमालय क्षेत्र संग्रहालय के रेशे, संस्थान की केंद्रीय प्रयोगशाला सुविधाएं, एनएमएचएस संग्रहालय और प्रदर्शन, आर्बोरेटम और हर्बेरियम संग्रह तथा ग्रामीण तकनीकी परिसर का भ्रमण और उन्हें इनके क्रियाकलापों से अवगत कराया।
कार्यक्रम का संचालन डा. पारोमिता घोष ने किया। कार्यक्रम में संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक ई. किरीट कुमार, डा. जे.सी. कुनियाल, डा पारोमिता घोष, डा. ए. के. साहनी, डा. शैलजा पुनेठा, डा. आशीष पाण्डे सहित ई. ओ.पी. आर्या, महेश चन्द्र सती, डा. महेशानन्द, जगदीश पाण्डे समेत संस्थान के लगभग 20 वैज्ञानिकों एवं शोधार्थियों ने प्रतिभाग किया।