देहरादून: भ्रष्टाचार को लेकर एक बार फिर धामी सरकार ने सख्त कदम उठाया है। उद्यान विभाग के निदेशक पद से हटाए गए डॉ. हरमिंदर बवेजा के खिलाफ सरकार ने एसआईटी जांच के आदेश कर दिए है।
एसआईटी टीम में अध्यक्ष डीआईजी, सीआईडी होंगे। जबकि एसएसपी अल्मोड़ा, एसपी सीबीसीआईडी हल्द्वानी समेत कृषि विभाग के अधिकारी भी इसमें शामिल होंगे। इनकी संस्तुति पर 2 सदस्य अलग से जांच दल में शामिल किए जा सकेंगे।
गृह विभाग की विशेष सचिव रिदिम अग्रवाल ने यह आदेश जारी किए हैं। जांच के लिए गठित एसआईटी टीम शासन को अपनी रिपोर्ट भेजेगी।
सामाजिक कार्यकर्ता दीपक करगेती ने कहा कि उन्हें सरकार के निर्णय पर कुछ नहीं कहना है। यह आस्था 9 अगस्त को उच्च न्यायालय निर्णय से जुड़ी है। उन्होंने कहा कि सरकार का मौन सम्पूर्ण भ्रष्टाचार का कारण रहा है। पिछ्ले डेढ़ वर्ष से सरकार ने किसानों की कोई सुध नहीं ली।
जानिए क्या हैं आरोप?
उद्यान निदेशक पद से सस्पेंड चल रहे डॉ. हरमिंदर सिंह बवेजा पर आरोप है कि उन्होंने 35 रुपये के किवी के पौधे को 275 रुपये की दर पर खरीदा, जबकि 77000 पौधों के लिए किसी तरह की कोई निविदा नहीं की गई। डॉ. हरमिंदर मनमाने तरीके से उत्तराखंड में अदरक के बीज व हल्दी के बीज की दरों को बढ़ाकर महंगी दरों पर खरीदे जाने के साथ अंतरराष्ट्रीय सेमिनार एवं प्रदर्शनी जिसके तहत कई महोत्सव का आयोजन के नाम पर व्यय करने का आरोप लगा है। जिन महोत्सव को 4 दिन का होना था उन्हें 3 दिन में ही पूरा कर अपने हित साधने का भी कथित आरोप है।