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Almora: वर्णी व दिवस का राज्य स्तरीय विज्ञान संगोष्ठी के लिए चयन, आर्य कन्या इंटर कॉलेज में हुई प्रतियोगिता

अल्मोड़ा: नगर के आर्य कन्या इंटर कॉलेज में सोमवार को जिला स्तरीय विज्ञान संगोष्ठी का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता में विकासखण्ड स्तर पर प्रथम तथा द्वितीय स्थान प्राप्त कुल 22 प्रतिभागियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।

राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद, उत्तराखण्ड एवं जिला परियेाजना कार्यालय, समग्र शिक्षा अभियान के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित इस जिला स्तरीय विज्ञान संगोष्ठी में एडम्स गर्ल्स इंटर कॉलेज की कक्षा 10वीं की छात्रा ने वर्णी ने पहला स्थान प्राप्त किया। जबकि राइंका पटलगांव के कक्षा 9वीं के छात्र दिवस जोशी ने ​दूसरा व राजकीय बालिका इंटर कॉलेज बाड़ेछीना की कक्षा 10वीं की छात्रा गीता सुप्याल ने तीसरा स्थान ​हासिल किया।

प्रतियोगिता में डॉ. कपिल नयाल, डॉ. प्रभाकर जोशी एवं पंकज जोशी ने निर्णायक की भूमिका निभायी। लिखित परीक्षा के निर्णायक के रुप में डॉ. दीप जोशी, डॉ. भुवन पाण्डे, सवित जनोटी ने भूमिका निभायी। समस्त प्रतिभागियों एवं मार्गदर्शक शिक्षकों को प्रशस्ति पत्र एवं पुरस्कार प्रदान किया गया।

 

आर्य कन्या इंटर कॉलेज के अध्यक्ष बिट्टू कर्नाटक ने संगोष्ठी के विषय ‘श्री अन्न-एक मूल्यवर्धित पौष्टिक अथवा भ्रांति आहार (Millets- A Super Food or a Dict Fad?)’ पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि यह एक पौष्टिक अनाज भी है। जिसमें फाइबर एवं आवश्यक खनिजों की उच्चतम मात्रा पाई जाती है। उनके द्वारा बाल वैज्ञानिकों का आह्वान किया कि समाज में फैली कुरुतियों को मिटाने हेतु समाज में जागरुकता अभियान चलये तथा विज्ञान से संबंधित छोटे-छोटे प्रयोगों के माध्यम से वैज्ञानिक सोच विकसित करें।

प्रधानाचार्यां पंकज लता शाह द्वारा बच्चों को सम्बोधित करते हुए बताया गया कि भारत श्री अन्न (मिलेट्स) के प्रमुख उत्पादकों एवं आपूर्तिकर्ताओं में से एक है, और अखिल देश में कई श्री अन्न (मिलेट्स) स्रोत बिंदु स्थित हैं। भारत में मुख्य श्री अन्न (मिलेट्स) उगाने वाले राज्य राजस्थान, महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और मध्य प्रदेश हैं, इन राज्यों में बड़ी संख्या में श्री अन्न (मिलेट्स) किसान हैं जो घरेलू व अंतर्राष्ट्रीय दोनों बाजारों के लिए अनाज उगाते हैं। भारत को औद्योगिक क्षेत्र में आगे ले जाने हेतु भविष्य में ये बाल वैज्ञानिक अग्रणीय कार्य कर सकते है।

 

जिला विज्ञान समन्वयक विनोद कुमार राठौर ने कहा कि भारत श्री अन्न (मिलेट्स) के सबसे बड़े उत्पादकों में से एक है और भारतीय किसान सूखा प्रतिरोधी फसल के रूप में इसकी खेती तेजी से कर रहे हैं। उन्होने बताया कि राज्य स्तरीय विज्ञान संगोष्ठी का आयोजन राजकीय बालिका इंटर कॉलेज गौचर (चमोली) में आगामी 8 सितंबर को आयोजित किया जा रहा है।

जिला संदर्भ व्यक्ति विज्ञान डॉ. भुवन पाण्डेय ने प्रतिभागियों को सम्बोधित करते हुये कहा कि भारत की मिलेट क्रांति (Millet Revolution) मोटे अनाजों के स्वास्थ्य संबंधी और पर्यावरणीय लाभों के बारे में बढ़ती जागरूकता के साथ-साथ पारंपरिक कृषि अभ्यासों को पुनर्जीवित करने तथा छोटे पैमाने के किसानों को समर्थन देने के प्रयासों से प्रेरित है। इसे सार्वजनिक स्वास्थ्य में सुधार और सतत कृषि को बढ़ावा देने की देश की दोहरी चुनौतियों के समाधान के रूप में देखा जा रहा है।

कार्यक्रम का संचालन प्रवक्ता डायट डॉ. भुवन पाण्डेय तथा जिला विज्ञान समन्वयक विनोद कुमार राठौर द्वारा संयुक्त रुप से किया गया।

इस संगोष्ठी में समन्वयक नीतू सूद, प्रदीप सिंह बिष्ट, धीरज कुमार, कुंदन कनवाल, नवीन चन्द्र उपाध्याय, जीवन लाल शाह, कल्पना जोशी, निधी बिष्ट, अलेखा शाह, लक्ष्मी जोशी, भावना तिवारी समेत मार्गदर्शक शिक्षक-शिक्षिकायें व ब्लॉक विज्ञान समन्वयक मौजूद रहे।

 

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