अल्मोड़ा: उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी ने केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा सर्वोच्च न्यायालय में अटॉर्नी जनरल द्वारा दी गई राय पर असहमति व्यक्त की है। उपपा ने कहा कि देश में चुनावों में खर्च होने वाले काले धन पर रोक लगाने के साथ चुनाव प्रक्रिया में व्यापक सुधार नहीं किए गए तो देश में लोकतंत्र पूरी तरह अपना अर्थ ही खो देगा।
उपपाा के केंद्रीय अध्यक्ष पी सी तिवारी ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय की संविधान पीठ में चुनावी बॉन्ड की वैधता पर सुनवाई कर रही है। लेकिन केंद्र सरकार चुनावी चंदों में जनता के जानने के अधिकार पर ही प्रश्नचिन्ह लगा रही है, जो गंभीर चिंता का विषय है।
तिवारी ने केंद्र सरकार की दलील कि, ‘चुनावी बॉन्ड योजना में स्वच्छ धन का इस्तेमाल होता है’ से असहमति व्यक्त करते हुए कहा कि देश का हर नागरिक जानता है कि यह एक सफेद झूठ है। चुनावों के दौरान करोड़ों रुपए, शराब का पकड़े जाना, चुनाव आयोग की सीमा से कई गुना काला धन खर्च कर, चुनाव आयोग को खर्च का फर्जी हिसाब देने की सच्चाई हर व्यक्ति जानता है।
तिवारी ने कहा कि काले धन व निहित स्वार्थों के गठजोड़ से सत्ता में बैठे लोग ही देश में गैरबराबरी, महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार के लिए जिम्मेदार हैं क्योंकि वे लोगों के लिए नहीं वरन् निहित स्वार्थ की पैरवी के लिए सत्ता का दुरुपयोग करते हैं। इस पूरी प्रक्रिया को बदलने की जरूरत है।