अल्मोड़ा: एक जमाने में उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों में उत्तराखंड क्रांति दल (Uttarakhand Kranti Dal) की तूली बोलती थी। आज उत्तराखंड का यह क्षेत्रीय दल अपनी राजनीतिक जमीन तलाश रहा है। यही वह दल है जिसने सबसे पहले उत्तराखंड राज्य के गठन की आवाज उठाई थी। लेकिन पिछले कुछ सालों में यह दल लगभग रसातल पर पहुंच चुका है। इसके पीछे एक वजह यूकेडी के नेताओं की महत्वकांक्षा रही।
अगर दो दशक पीछे का इतिहास देखा जाए तो साल 2002 के विधानसभा चुनाव में उक्रांद ने 70 सीटों में से 62 सीटों पर अपने प्रत्याशी चुनावी मैदान में खड़े किए। इस चुनाव में यूकेडी के खाते में 4 सीटे आईं। लेकिन, 2007 के चुनाव में ये खिसककर 3 विधायकों पर आ गया। 2012 के विधानसभा चुनाव में यूकेडी का एक ही विधायक जीत दर्ज कर विधानसभा पहुंचा। साल दर साल लगातार जनाधार खो रहे यूकेडी का 2017 में पूरी तरह सूपड़ा साफ हो गया। 2017 व 2022 के विधानसभा चुनाव में उक्रांद का एक भी विधायक उम्मीदवार जीत दर्ज नहीं कर सका। आज यह क्षेत्रीय दल अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रहा है। 20 सालों में जिस दल को सरकार बनाने तक पहुंच जाना था। आज वह अपनी राजनीतिक जमीन तलाश रहा है।
यूकेडी अध्यक्ष ने बताई ये वजह
उत्तराखंड क्रांति दल के लगातार खोते जनाधार के सवाल पर यूकेडी के केंद्रीय अध्यक्ष पूरण सिंह कठैत ने कहा कि राज्य आंदोलनकारियों समेत अन्य जो भी लोग उक्रांद से जुड़े थे, वह राज्य गठन के बाद सुस्त पड़ गए। कठैत ने कहा कि इन लोगों ने दल के गठन को सिर्फ राज्य गठन तक मान लिया, कोई राजनीतिक सोच नहीं रखी। उन्होंने कहा कि पिछले 23 सालों से बारी-बारी से प्रदेश में राज करने वाली भाजपा-कांग्रेस ने प्रदेश के लिए क्या किया, यह जनता ने अच्छे से देख लिया। इसलिए अब जरूरत है कि लोगों के बीच जाकर लोगों को बताया जाए कि उत्तराखंड को यूकेडी की जरूरत है।
सांगठनिक मजबूती के लिए बताया यह प्लान
यूकेडी के केंद्रीय अध्यक्ष पूरण सिंह कठैत ने कहा कि दल को सांगठनिक रूप से मजबूत करने के लिए वह पूरे प्रदेश में भ्रमण कर रहे है। इस दौरान सभी पुराने सदस्यों समेत राज्य के नौजवानों, महिलाओं को दल से जोड़ने का काम किया जा रहा है। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि अगले 6 माह में यूकेडी की तस्वीर बदलने वाली है। यूकेडी पहले के मुकाबले मजबूत स्थिति में नजर आएगी। जल्द ही वह प्रदेशभर में दूसरा भ्रमण भी करेंगे।
कार्यकर्ताओं ने किया भव्य स्वागत
यूकेडी के केंद्रीय अध्यक्ष पूरण सिंह कठैत इन दिनों कुमांउ भ्रमण पर है। इसी क्रम में मंगलवार को वह अल्मोड़ा पहुंचे। नगर के एक होटल में कार्यकर्ताओं ने फूल माला पहनाकर उनका जोरदार स्वागत किया। इस दौरान उन्होंने कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर सभी से संगठन की मजबूती के लिए काम करने का आह्वान किया।
कठैत ने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में यूकेडी सभी पांचों सीट पर प्रत्याशी उतारेगी। साथ ही नगर निकाय चुनाव भी जोर शोर के साथ लड़ेगी। उन्होंने कहा कि इन दिनों बूथ स्तर पर कमेटियां बनाई जा रही है। साथ ही गांव स्तर पर सदस्यता दिलाने का कार्य चल रहा है। उन्होंने कहा कि मेरा बूथ मेरा संकल्प का नारा दिया जा रहा है। प्रत्येक पदाधिकारी से लेकर कार्यकर्ता तक स्वयं अपने बूथ का अध्यक्ष होगा। उस बूथ की जिम्मेदारी उस पदाधिकारी व कार्यकर्ता की होगी। प्रत्याशी को किस बूथ से कितने मत मिले, चुनाव के बाद इसका आंकलन किया जाएगा।
स्वागत करने वालों में जिलाध्यक्ष दिनेश जोशी, गिरीश साह, भानू जोशी, गिरीश गोस्वामी, कुंदन सिंह, प्रमोद जोशी, मनोज बिष्ट, मनोज साह, हिमांशु कुमार, कुंदन सिंह, त्रिलोक सिंह, संतोष कुमार, सचिन टम्टा, रमेश चंद्र जोशी, अनिल उपाध्याय, महेंद्र कुमार, पंकज चम्याल, अभय साह, हिमांशु साह, हेमंत बिष्ट समेत अन्य कई कार्यकर्ता मौजूद रहे।