देहरादून: उत्तराखंड शासन से इस वक्त एक बड़ी खबर सामने आ रही है। धामी सरकार ने एक आदेश जारी कर अगले छह महीने तक प्रदेश में किसी भी तरह की हड़ताल पर रोक लगा दी है। इस फैसले को लेकर शुक्रवार को अधिसूचना जारी कर दी गई है। लेकिन इस बार अचानक प्रदेश भर के राज्य कर्मचारियों के लिए जारी हुए इस आदेश ने सभी को चौंका कर रख दिया है।
सचिव कार्मिक शैलेश बगौली की ओर से जारी की गई एक अधिसूचना के जरिए राज्य कर्मियों पर एस्मा लगाने के निर्देश जारी किए गए हैं। इस आदेश के जारी होने के बाद अब प्रदेश के सरकारी सेवा में काम करने वाला कोई भी कर्मचारी संगठन हड़ताल नहीं कर पाएगा।
फिलहाल किसी भी कर्मचारी संगठन ने बड़ी हड़ताल की कोई भी सूचना नहीं दी थी। पूर्व में राजकीय शिक्षक संघ व मिनिस्ट्रीयल कर्मियों द्वारा किए गए चरणबद्ध आंदोलन के बाद कई मांगों पर सरकार के साथ सहमति बन गई थी। राजकीय शिक्षक संघ ने 31 दिसंबर तक के लिए आंदोलन स्थगित किया था। ऐसे में अचानक आया यह आदेश सभी को हैरान कर रहा है।
इस आदेश को कई तरह की चर्चाएं है। साथ ही आदेश के कई मायने निकाले जा रहे है। कुछ लोग लोकसभा चुनाव से पहले सरकार की ओर से कर्मचारियों की हड़ताल पर रोक लगाने के इरादे से इस आदेश को जारी करने की बात कह रहे हैं तो कुछ लोग कुछ संगठनों के विरोध प्रदर्शन को इसकी वजह मान रहे हैं।
इस सबके बीच इस वक्त सबसे बड़ी चर्चा मूल निवास को लेकर होने वाले आगामी आंदोलन की भी हो रही है। 24 दिसंबर को एक मूल निवास स्वाभिमान महारैली करने का भी दावा किया गया है, लेकिन चर्चाएं ये भी है कि मूल निवास के इस आंदोलन में राजकीय कर्मचारी शामिल न हों, इसके लिए सरकार ने पहले ही आदेश कर इसके इंतजाम कर दिए हैं।
बहरहाल, सरकार की इस आदेश के पीछे की मंशा क्या है? यह कहना तो मुश्किल है, लेकिन इतना जरूर है कि अब आदेश होने के बाद कर्मचारी संगठन आगामी 6 महीने तक हड़ताल नहीं कर पाएंगे।
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