अल्मोड़ा: राज्य आंदोलनकारियों ने प्रधानमंत्री तथा मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर उत्तराखंड में स्थाई निवास के साथ साथ सरकारी नौकरी एवं अन्य सुविधाओं के लिए मूल निवास प्रमाणपत्र की अनिवार्यता की मांग की है।
पत्र में कहा गया है कि यह मांग आम जनता तथा अनेक संगठन लंबे समय से कर रहे हैं। उत्तराखंड सरकार द्वारा नौकरियों एवं अन्य सुविधाओं के लिए जिस स्थाई निवास प्रमाणपत्र का प्रावधान किया गया है, उससे उत्तराखंड के मूल निवासियों के हक प्रभावित हो रहे हैं।
इस नियम के लागू होने से उत्तराखंड राज्य बनाने की मूल अवधारणा ही नष्ट हो गयी है।राज्य के मूल निवासी जो स्थाई रूप से उत्तराखंड में ही रह रहे हैं, जिन लोगों ने उत्तराखंड में ही शिक्षा प्राप्त की है, उन्हें ही राज्य सरकार की नौकरियों एवं अन्य सुविधाओं का लाभ मिले। मूल निवास एवं स्थाई निवास में संशोधन की आवश्यकता है।
पत्र में ब्रह्मानंद डालाकोटी, सदस्य जिला पंचायत शिवराज बनौला आदि ने हस्ताक्षर किए हैं।