अल्मोड़ा: उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी ने राज्य में सशक्त भू कानून बनाने की प्रखर मांग के साथ राज्य की जनता को पिछले 23 वर्षों में राज्य की अस्मिता को कमजोर करने वाले तमाम काले कानूनों के खिलाफ भी मोर्चा लेने की अपील की है। पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष पी. सी. तिवारी ने कहा कि भाजपा की त्रिवेंद्र सरकार द्वारा 2018 में कृषि भूमि की असीमित खरीद की छूट वाले काले कानून को लागू किया गया था लेकिन सरकार ने आज तक इस कानून को वापस नहीं लिया, जिससे सरकार की मंशा साबित होती है। उन्होंने कहा कि इस राज्य की सरकारों एवं जिलाधिकारियों ने अपने पूंजीपति मित्रों, माफियाओं और कृपापात्रों को बड़ी मात्रा में जमीनें आबंटित की हैं जिनका भारी दुरुपयोग हुआ है। लेकिन सरकार ने इनको अब तक वापस लेने की कोई गंभीर कोशिश नहीं की है।
उपपा ने केंद्रीय कार्यालय में शुक्रवार को हुई बैठक में पार्टी के पदाधिकारियों ने कहा कि जिस मूल निवास और स्थायी निवास प्रमाण पत्र के आधार पर आज यहां के युवा बेरोजगार नौकरियों की आश लगाए हैं उनमें से अधिकांश पद समाप्त कर दिए गए हैं हर क्षेत्र में सेवाओं के निजीकरण, व्यवसायों, संसाधनों पर निजी स्वार्थों के बढ़ते नियंत्रण से राज्य की स्थिति बहुत गंभीर हो गई है। जिन सब की समीक्षा किया जाना आवश्यक है। उपपा ने कहा कि उत्तराखंड की अस्मिता की रक्षा एवं हिमालयी राज्य की अवधारणा को मूर्त रूप देने के लिए राज्य बनने के बाद राज्य में जल जंगल जमीन, वन पंचायतों, नागरिक सेवाओं, संसाधनों के दोहन की प्रक्रिया को लेकर बनाए गए तमाम कानूनों व नियमों की गहराई से समीक्षा करना और जनहित में उन्हें बदलना समय की मांग है।
उपपा ने उत्तराखंड की अस्मिता की रक्षा के लिए राज्य को संविधान के अनुच्छेद 371 के संरक्षण में देने की व्यवस्था करने, पर्वतीय क्षेत्रों में पिछले ढाई दशक से रुके भूमि बंदोबस्त को तत्काल शुरू करने, बेनाप के नाम पर वर्गीकृत जमीन को मैदानों की तरह ग्राम सभाओं में सौंपने या शुरू करने की भी मांग की है। उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा के नाम पर लीज में ग्रामीणों की सहकारी समितियां बनाकर ऊर्जा के विकास में मालिकाना हक़ देने की व्यवस्था करनी चाहिए जबकि सरकार सारी जमीनों को सौर ऊर्जा के नाम पर बाहर की कंपनियों को लुटा रही है जो राज्य के साथ धोखा है।
उपपा ने कहा कि राष्ट्रीय दलों की सरकारें चुनाव से पहले उत्तराखंड के विकास, मूलभूत सुविधाएं देने का वादा करते रहे हैं पर सच्चाई सबके सामने है, जिसे बदलने के लिए जनता को राजनीतिक रूप से एकजुट होने की आवश्यकता है।
बैठक की अध्यक्षता पार्टी की केंद्रीय उपाध्यक्ष आनंदी वर्मा और संचालन केंद्रीय महासचिव एडवोकेट नारायण राम ने किया।
इस दौरान केंद्रीय कार्यकारिणी के एड. गोपाल राम, किरन आर्या, राजू गिरी के साथ विनोद कुमार, भुवन जोशी, प्रकाश आर्या आदि भी मौजूद रहे।