अल्मोड़ाः उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी ने हल्द्वानी में मदरसा तोड़ने के विवाद को लेकर हुई हिंसा, फायरिंग, आगजनी पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए सभी पक्षों व जनता से शांति बनाए रखने और इस पूरे मामले की उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश से समयबद्ध जांच करने की मांग की है।
उपपा के केंद्रीय अध्यक्ष पी सी तिवारी ने कहा कि इस मामले में 14 फरवरी को उत्तराखंड उच्च न्यायालय में संपत्ति के स्वामित्व को लेकर सुनवाई तय हो गई थी। तब सरकार व पुलिस प्रशासन की जल्दबाजी, अधूरी तैयारी सवालों के घेरे में है। जिसकी निष्पक्ष जांच कर इसके जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई होनी चाहिए।
तिवारी ने कहा कि उत्तराखंड में हजारों धर्मस्थल व घर नजूल भूमि पर बने हैं। इनको हटाने के लिए सरकारों को कानून व संविधान की मान्यता का पालन करना चाहिए। ताकि सरकार व पुलिस प्रशासन पर जनता का विश्वास कायम रह सके।
तिवारी ने कहा कि एक ओर बहुत सारे भू माफिया वर्षों से सरकारी जमीनों पर दबंगगिरी से काबिज़ हैं उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही है और दूसरी ओर संवेदनशील मामलों में सरकार संवेदनहीनता का परिचय दे रही है। तिवारी ने कहा की जब विवादित जगह सरकार द्वारा पूर्व में ही सीज कर दी गई थी और उसका उपयोग नहीं हो रहा था तो सरकार द्वारा ध्वस्तीकरण में की गई हड़बड़ी सोचनीय है।
तिवारी ने कहा की गुुरुवार 8 फरवरी को नैनीताल उच्च न्यायालय में इस मामले पर सुनवाई हुई थी। जिसमें न्यायालय ने अगली 14 फरवरी की तिथि नियत कर दी थी। लेकिन न्यायालय में तिथि बदले जाने के तत्काल बाद सरकार व प्रशासन द्वारा आनन फानन में इस वृहद संवेदनशील मामले में शाम को ध्वस्तीकरण की कार्रवाई करना समझ से बाहर है। जिसके कारण असामाजिक तत्वों को मौके का फायदा उठाने का मौका मिल गया। सैकड़ों लोग घायल हुए, संपत्ति का नुकसान हुआ और कई निर्दोष लोगों को जान से हाथ धोना पड़ा।
उपपा ने सरकार व समाज के सभी वर्गों से शांति व सौहार्द बनाए रखने की अपील करते हुए निष्पक्ष न्यायिक जांच से पहले इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना में संदिग्ध भूमिका वाले सभी पुलिस प्रशासन व नगर निगम के अधिकारियों को हटाने की मांग की ताकि जांच की निष्पक्षता बनी रहे।