अल्मोड़ाः उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी ने हल्द्वानी में हुई हिंसा, आगजनी को लेकर इंटेलिजेंस की सार्वजनिक हुई रिपोर्ट को लेकर प्रदेश सरकार को स्थिति स्पष्ट करने की मांग की है। उपपा के केंद्रीय अध्यक्ष पी सी तिवारी ने कहा इस रिपोर्ट से स्पष्ट है कि नैनीताल पुलिस प्रशासन व सरकार ने गुप्तचर विभाग व कुछ बड़े अधिकारियों की सलाह की अनदेखी कर आनन फानन में मदरसा गिराने का फैसला लिया जिसके दुष्परिणाम सामने हैं।
उपपा अध्यक्ष पी सी तिवारी ने कहा कि बनभूलपुरा में असामाजिक तत्वों द्वारा की गई हिंसा, आगजनी, पत्थरबाजी जैसी घटनाएं बहुत निंदनीय हैं और इसके दोषियों पर कार्यवाही होनी चाहिए। लेकिन एक बहुत संवेदनशील मामले में जिसमें कोर्ट में उसी दिन दो बजे सुनवाई हुई व अगली सुनवाई 14 फरवरी को तय की गई तब पुलिस प्रशासन व सरकार ने किस स्तर पर फैसला लेकर तमाम कर्मचारियों, पुलिस प्रशासन व आम जनता के जीवन व संपत्तियों को संकट में डाला, इस बात की भी उच्चस्तरीय न्यायिक जांच होनी चाहिए।
तिवारी ने कहा कि इस मामले में स्वयं सरकार की भूमिका संदिग्ध है इसलिए उसके किसी भी अधिकारी द्वारा की जाने वाली मजिस्ट्रेट जांच पर लोग भरोसा नहीं करेंगे जबकि प्रदेश सरकार के मुखिया, पुलिस प्रशासन सार्वजनिक बयान में अपना मंतव्य स्पष्ट कर चुके हैं। जिसके खिलाफ कोई सरकारी अधिकारी जाने का साहस नहीं कर सकता।
उपपा ने इस पूरे घटनाक्रम की कठोर निंदा करते हुऐ वास्तविक दोषियों को कानून के शिकंजे में लाने के लिए तत्काल निष्पक्ष न्यायिक जांच घोषित करने की मांग की ताकि सरकार की मंशा पर खड़े हो रहे सवाल गलत साबित हो सकें।
उपपा अध्यक्ष ने कर्फ्यूग्रस्त क्षेत्रों में फंसे गरीब व आम लोगों की भोजन, पानी, दूध आदि जैसी जरूरतों को पूरा करने की प्रशासन से अपील की।