अल्मोड़ा। अंतर्जातीय विवाह के कारण 1 सितंबर 2022 को बहुचर्चित उपपा नेता जगदीश हत्याकांड में सोमवार को जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्रीकांत पांडेय के न्यायालय में जगदीश की बहन गंगा के बयान दर्ज किए गए। कोर्ट में गंगा ने बताया कि 29 व 30 अगस्त 2022 को उनकी अपने मृतक भाई जगदीश से दूरभाष पर बातचीत हुई थी। जिसमें उन्होंने कहा था कि मैंने अंतर्जातीय विवाह कर लिया है और इसके चलते मुझे जान का खतरा है और मैं काम के सिलसिले में भिकियासैंण जा रहा हूं। जिसके बाद एक सितंबर को उन्हें गीता (गुड्डी) के परिवारवालों ने अंतर्जातीय विवाह के कारण सेलापानी भिकियासैंण में उनके भाई की हत्या की जानकारी पुलिस द्वारा मिली।
एक सितंबर 2022 को नैनीताल में एक प्रदर्शन में शामिल होने अपने कार्यस्थल से भिकियासैंण आ रहे जगदीश का सेलापानी के पास अपहरण कर उसकी निर्मम हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड को लेकर गीता (गुड्डी) के सौतेले पिता जोगा राम, सौतेले भाई गोविंद सिंह व उसकी मां भावना देवी वर्तमान में अल्मोड़ा जेल में बंद हैं। जबकि इस मामले में दो संदिग्धों की मौत हो गई है। जगदीश हत्याकांड में अब तक न्यायालय में कुल 18 गवाह पेश किए जा चुके हैं।
मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए भटक रहे जगदीश के परिजन
जगदीश की निर्मम हत्या के बाद पुलिस प्रशासन की तमाम कार्यवाहियों, पोस्टमार्टम के बावजूद पिछले दो सालों से जगदीश के परिजनों को उसका मृत्यु प्रमाण पत्र जारी नहीं किया जा रहा है। सोमवार को अपने भाई दिलीप के साथ अल्मोड़ा न्यायालय में गवाही के लिए आई गंगा ने बताया कि वे पिछले दो वर्षों से अपने मृतक भाई जगदीश के मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए तहसील, एसडीएम, जिलाधिकारी कार्यालय एवं अस्पताल के चक्कर काट चुकी हैं। लेकिन पूरी सरकारी मशीनरी उन्हें गुमराह कर रही है।
जगदीश की बहन गंगा ने बताया कि वे तमाम संबंधित कार्यालयों में दर्जनों बार चक्कर लगाकर प्रार्थना पत्र व शपथ पत्र भी पेश कर चुकी हैं। और लगातार फोन करते करते भी थक गए हैं। परिजनों का कहना है कि मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं मिलने से हर जगह कानूनी अड़चनें आ रही हैं।
जगदीश की मृत्यु के बाद उसकी पत्नी को रोजगार देने की बात उठी थी। लेकिन रोजगार तो दूर की बात मृतक के अबोध बच्चे के लालन पालन के लिए विधवा पेंशन के फॉर्म भरने के लिए भी मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं दिया जा रहा है। जिससे उनका परिवार आहत है।
इधर, उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी ने कहा कि यदि इस मामले में तत्काल मृत्यु प्रमाण पत्र जारी नहीं किया गया तो इस मामले को लेकर आंदोलन शुरू कर दिया जाएगा।