अल्मोड़ा। जनसत्ता के पूर्व संपादक व वरिष्ठ पत्रकार ओम थानवी ने कहा कि पत्रकारिता केवल सूचना का जरिया नहीं है बल्कि पत्रकार समाज में समझ तथा विवेक भी स्थापित करता है, जो लोकतंत्र को मजबूत करता है। हाल के वर्षों में पत्रकारिता का झुकाव जिस तरह सत्ता की ओर हो रहा है उस पर उन्होंने चिंता व्यक्त की।
यहां एक निजी स्कूल के ऑडिटोरियम में साभार मीडिया फाउंडेशन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में ‘बदलता मीडिया, बदलता लोकतंत्र’ विषय पर बोलते हुए ओम थानवी ने कहा, संचार की विषयवस्तु में वृद्धि और प्रसार में तेजी आई है। रेडियो एक ऐसा माध्यम है, जिसका प्रसार व्यापक हो सकता है। भारत में रेडियो की लाइसेंसिंग कर इसके प्रसार का विस्तार करना चाहिए। लेकिन सरकारें इससे कतराती रही हैं। उन्होंने कहा कि इससे सरोकार रखने वालों को यह मुद्दा उठाना चाहिए, लेकिन दुर्भाग्य से यह मुद्दा कभी उठ नहीं पाया।
मौजूदा समय में पत्रकारिता के गिरते स्तर पर चिंता व्यक्त करते हुए ओम थानवी ने कहा, खबरों में अब कंटेंट का विचलन, भाषा का पतन और जनसरोकारों की कमी साफ तौर पर देखी जा सकती है। सत्ताहित में लोकहित की अनदेखी हो रही है। संपादकीय अब गुमनामी के अंधेरे की ओर जाने लगे है। सोशल मीडिया फेक न्यूज का अड्डा बना हुआ है, जो लोकतंत्र व पत्रकारिता दोनों के लिए खतरा व चिंता का विषय है। मीडिया देश की समस्याओं के बजाय वैश्चिक मुद्दों को दिखा रहा है। खोजी पत्रकारिता का साफ तौर पर अभाव दिख रहा है। मीडिया का अधिकांश हिस्सा उन पूंजीपतियों के पास हैं जो पहले से सरकार की गोद में बैठे हुए हैं।
वहीं, पत्रकारों पर हो रहे हमलों को वरिष्ठ पत्रकार ओम थानवी ने लोकतंत्र के लिए खतरा बताया। उन्होंने कहा कि गौरी लंकेश, मुकेश चंद्राकर समेत तमाम पत्रकारों की हत्या कर दी गई। सच दिखाने व गलत के खिलाफ आवाज बुलंद करने वाले पत्रकारों को जेल में डाल दिया जा रहा है।
दूसरे सत्र में मीडिया विशेषज्ञ डॉ. भूपेन सिंह ने अपनी लिखी पुस्तक ‘क़ैद में मीडिया’ पर मीडिया की स्वतंत्रता और उस पर बढ़ते नियंत्रण को लेकर अपने विचार साझा किए। अंतिम सत्र में प्रसिद्ध संगीतज्ञ प्रमोद जोशी और उनकी टीम द्वारा भारतीय शास्त्रीय संगीत की शानदार प्रस्तुति दी गई।
यहां पूर्व पालिकाध्यक्ष प्रकाश चंद्र जोशी, उपपा अध्यक्ष व वरिष्ठ पत्रकार पीसी तिवारी, जाने माने फोटोग्राफर थ्रीश कपूर, कल्याण मनकोटी, एसएमएफ के रोहित जोशी, ईश्वर जोशी, विनीता शेखर लखचौरा, एडवोकेट शेखर लखचौरा, डॉ. लता जोशी, वैभव जोशी, नीरज भट्ट समेत कई लोग मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन गीता जोशी व नीरज पांगती ने संयुक्त रूप से किया।