अल्मोड़ा। उत्तराखण्ड परिवर्तन पार्टी ने इजराइल से जासूसी उपकरण पेगासास प्राप्त करने को लेकर एक प्रतिष्ठित अमेरिकी अखबार के खुलासे को अत्यधिक गंभीर बताते हुए कहा कि यदि इसमें जरा भी सच्चाई है तो इस मामले में देश की संसद व राष्ट्र को गुमराह करने व राष्ट्रीय हितों से समझौता करने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जानी चाहिए।
उपपा के केन्द्रीय अध्यक्ष पीसी तिवारी ने कहा कि पेगासस को लेकर चल रहे विवाद में केन्द्र सरकार व प्रधानमंत्री कार्यालय खुद संदेह के घेरे में है। इस उपकरण से देश ने सामाजिक राजनीतिक कार्यकर्ताओं, पत्रकारों, न्यायालयों और खुद सरकार से अलग राय रखने वाले सरकार में शामिल लोगों की जासूसी करने के मामले सामने आये है। देश के प्रबुद्ध वर्ग को यह बात कचौट रही है कि इस तरह के सॉफ्टवेयर का दुरूपयोग कर सरकार मानवाधिकारों का हनन कर रही है, जिससे भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था पर भी गंभीर संकट गहरा रहा है।
उपपा ने कहा कि देश की संसद को गुमराह करने व सर्वोच्च न्यायालय में भी मामले का खुलासा न करना बताता है कि देश में किसी भी नागरिक की निजता सुरक्षित नहीं है और सरकार अपने स्वार्थों की पूर्ति के लिए देश, संविधान व कानून की मर्यादा का पालन करना भूल गयी है।
तिवारी ने कहा कि उन्हें उम्मीद है सर्वोच्च न्यायालय इस मामले का संज्ञान लेकर नागरिक अधिकारों के साथ हो रहे खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ कानून सम्मत कार्यवाही भी सुनिश्चित करेगा।