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अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस: एसएसजे विवि में संगोष्ठी का हुआ आयोजन

अल्मोड़ा। मातृभाषा के उन्नयन के लिए हर साल 21 फरवरी को अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाया जाता है। इस अवसर पर एसएसजे विवि परिसर के कम्प्यूटर विज्ञान विभाग द्वारा गणित विभाग के सभागार में एक दिवसीय संगोष्ठी मनायी गयी। इस दौरान यूनेस्को द्वारा निर्धारित विषय ‘बहुभाषी शिक्षण के लिए तकनीक का प्रयोग, अवसर और चुनौतियां’ विषय पर वक्ताओं एवं अतिथियों ने अपने विचार रखें।

कार्यक्रम की संयोजिका डॉ. पारूल सक्सेना ने यूनेस्को के इतिहास व कार्य प्रणाली पर प्रकाश डालते हुए कहा कि विश्व विरासत के संरक्षण के साथ-साथ मातृभाषा के संरक्षण एवं संवर्द्धन भी यूनेस्को की प्रभावी भूमिका रही है तथा साथ ही साथ कम्प्यूटर विज्ञान ने अनेक तकनीकियों को विकसित करने तथा उनके उपयोग हेतु विश्वव्यापी भूमिका निभाई है। प्रो. शेखर जोशी ने मातृभाषा को मनुष्यमात्र की विशिष्ट पहचान बताते हुए कहा कि मातृभाषा में जो समझ विकसित होती है अन्यत्र ऐसा होना अत्यन्त दुष्कर है।

मुख्य अतिथि प्रो. प्रवीण बिष्ट द्वारा ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर प्रकाश डालते हुए बताया गया कि, किस प्रकार बांग्लादेश के स्वतंत्र राष्ट्र बनने के बाद वहां बांग्ला भाषा हेतु आंदोलन हुए तथा यूनेस्को द्वारा मातृभाषा की आवश्यकता को समझा गया।

कार्यक्रम की मुख्य वक्ता डॉ. भीमा मनराल द्वारा विस्तारपूर्वक शिक्षा, शिक्षण तकनीकी, शिक्षा आयोगों तथा उनके सुझावों पर व्यापक प्रकाश डाला गया तथा यह बताया गया कि किस प्रकार राधाकृष्णन आयोग द्वारा सर्वप्रथम तकनीकी निर्दशन की बात की गयी थी। साथ ही ज्ञान आयोग के अध्यक्ष सैम पेत्रोदा के विचारों को भी संदर्भ में लिया गया। व्यवहारिक रूप से तकनीकी की चुनौतियों तथा अनुप्रयोगों का भी विस्तारपूर्वक विवरण डॉ. मनराल द्वारा किया गया।

कार्यक्रम का संचालन डॉ. पारूल सक्सेना तथा समापन वक्तव्य डॉ. मनोज कुमार बिष्ट द्वारा किया गया। कार्यक्रम में डॉ. सुशील चन्द्र भट्ट, डॉ. रवीन्द्र नाथ पाठक, डॉ. रेहान सिद्दीकी, डॉ. दीपा काण्डपाल, डॉ. लल्लन सिंह, केएएस चौहान, अनूप सिंह बिष्ट, कमल जोशी, हरीश, मनोज सिंह, हेमलता अवस्थी तथा कम्प्यूटर व गणित विभाग के अनेक छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।

पत्रकारिता विभाग में हुई ऑनलाइन गोष्ठी
अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के अवसर पर एसएसजे विवि परिसर के पत्रकारिता विभाग में आज ऑनलाइन गोष्ठी आयोजित की गई। कुलपति प्रोफेसर नरेंद्र सिंह भंडारी ने अंतराष्ट्रीय मातृ भाषा दिवस पर कहा कि हमें अपनी भाषाओं पर गर्व करना होगा। भाषा हमें एक देश से दूसरे देश, एक संस्कृति से दूसरी संस्कृति, एक समाज से दूसरे समाज से जोड़ती है। भाषा ही सम्पूर्ण विश्व को विश्व बंधुत्व के भाव से जोड़ती है। हमें अपने देश की मातृभाषा के प्रति सम्मान का भाव रखना होगा। भाषा ही किसी देश की पहचान है। हमें अपनी भाषा के प्रति सदैव सजग रहना होगा। उन्होंने कहा कि यूनेस्को द्वारा अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के लिए 2022 के लिए ‘बहुभाषी शिक्षण के लिए तकनीकी का प्रयोग- चुनौतियां और अवसर’ विषय को रखा गया है। इस विषय पर हमारा विश्वविद्यालय भाषाओं के लिए कार्य कर भी रहा है।

पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के संयोजक प्रो. जगत सिंह बिष्ट ने कहा कि भाषा हमें विश्व से जोड़ती हैं। हमें अपनी मातृभाषा, बोली आदि को संरक्षण देने के लिए,उसे अपने व्यवहार में लाना होगा। जनमानस को भाषाओं के प्रति जागरुक करना होगा। भाषा हमारा गौरव है। पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के प्रभारी डॉ ललित जोशी ने कहा कि जनसंचार के साधनों द्वारा भाषाओं का निरन्तर विकास हो रहा है। तकनीकी संसाधनों द्वारा भाषा हमें ग्राम समाज, नगरीय समाज, जनजातीय समाज से जोड़ रही है। तकनीक के सहारे भाषा और अधिक संचारित हो रही है।

ऑनलाइन गोष्ठी में पत्रकारिता विभाग की स्वाति तिवारी, रोशनी बिष्ट, ज्योति नैनवाल, दिव्या नैनवाल आदि ने भी प्रतिभाग किया।

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