अल्मोड़ा। गुलदार के आतंक से दहशत के साये में जी रहे दौलाघट के सिलानी, केस्ता और रिखे गांव के ग्रामीण सड़क पर उतर आये है। ग्रामीणों ने आज अपने पालतू पशुओं के साथ दौलाघट रिखे-पायखाम मोटर मार्ग पर सांकेतिक चक्काजाम लगाया। इस दौरान ग्रामीणों ने वन विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
ग्रामीणों ने कहा कि लंबे समय से क्षेत्र में दो—दो गुलदार मूवमेंट करते नजर आ रहे है। दो अलग-अलग दिन गुलदार गौशाला से बकरी उठा ले गया। अब तक गुलदार कई मवेशियों को अपना निवाला बना चुका है। यही नहीं गुलदार रिहायशी मकानों के आस पास भी अकसर दिखाई दे रहे है। शाम होते ही ग्रामीण घर के अंदर दुबकने का मजबूर है। गुलदार के आतंक से पूरे क्षेत्र में लोगों में भय का माहौल बना हुआ है।
पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य महेंद्र सिंह बिष्ट ने कहा कि दिनदहाड़े गुलदार के घूमने से लोगों का जीना दुभर हो गया है। मवेशियों के लिए चारा लेने के लिए महिलाएं जंगल जाती है ऐसे में अनहोनी का डर बना हुआ है। उन्होंने वन विभाग से पिंजरा लगाकर गुलदार को पकड़ने की मांग की है।
डांगी खोला के पूर्व प्रधान ललित मोहन तिवारी ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में कई लोगों की आर्थिकी पशुपालन पर निर्भर रहती है। लेकिन पिछले दिनों गुलदार द्वारा कई पशुपालकों के मवेशियों को मार डाला। जिससे ऐसे पशुपालकों के सामने आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है। तिवारी ने कहा कि ग्रामीणों द्वारा आज इस सांकेतिक चक्काजाम के माध्यम से वन विभाग को चेताने का काम किया है। अगर वन विभाग द्वारा ग्रामीणों की समस्या की अनदेखी की जाती है तो ग्रामीण डीएफओ कार्यालय का घेराव करेंगे साथ ही उग्र आंदोलन करने से भी गुरेज नहीं किया जाएगा।