अल्मोड़ा। नगर में एक हैरत कर देने वाला मामला सामने आया है। कोतवाली से सटी एक दुकान में चोर घुसते है और हजारों की नगदी पार कर लेते है। लेकिन घटनास्थल से पांच कदम की दूरी पर स्थित कोतवाली में तैनात सिपाहियों को इसकी भनक तक नहीं लगती। इससे साफ है कि जिम्मेदारी से ऊंघती पुलिस का आलस चोर पहले ही भांप चुके थे।
रातभर घटना से कोतवाली पुलिस बेखबर रहती है। सुबह चोरी का पता चलने के बाद कानून की जिम्मेदारी संभालने वालों की ऐसी किरकिरी हुई कि अब सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे है, पूछताछ की जा रही है लेकिन कोई सुराग या सुबूत नहीं है।
पुलिस के लिए चोरी की यह घटना चुनौती लेकर आया है तो कानून व्यवस्था के प्रति जिम्मेदारी की भी पोल खोलकर गया है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब कोतवाली के सामने ऐसी लापरवाही है तो शहर के बाकी हिस्सों की सुरक्षा का क्या होगा?
कोतवाली के ठीक बगल में चाय की दुकान चलाने वाले भगवान सिंह लटवाल रोज की भांति बीते गुरुवार यानि 31 मार्च की शाम को दुकान बंद कर घर चले जाते है। इसी रात चोर पुलिस की उदासीनता का फायदा उठाकर उनकी दुकान में धावा बोल देते है। चोर लकड़ी के दरवाजे में लगे ताले को तोड़कर दुकान के अंदर दाखिल होते है। शातिर चोर बिना कोई सबूत छोड़े दुकान का गल्ला उड़ा ले जाते है। लेकिन सुबह तक पुलिस इस घटना से पूरी तरह बेखबर रहती है। भगवान जब सुबह दुकान आते है तो ताला टूटा मिलता है। दुकान स्वामी भगवान सिंह लटवाल की माने तो गल्ले में 10 हजार से अधिक की नगदी, दुकान के दस्तावेज व कई अन्य जरूरी कागजात थे। जिन्हें चोर गल्ले समेत उठा ले गए। दुकान स्वामी भगवान ने घटना को लेकर कोतवाली में लिखित शिकायत की है।
दुकान में चोरी हुए पूरे 3 दिन हो चुके है। लेकिन अब तक पुलिस के हाथ कोई सुराग नहीं लग पाया है। प्रभारी निरीक्षक कोतवाली अरूण कुमार ने बताया कि कोतवाली के बाहर लगे सीसीटीवी फुटेज खंगाल लिए गए है। लेकिन फुटेज में कोई संदिग्ध दिखाई नहीं दे रहा है। चोरों की तलाश जारी है।
पहली चोरी का भी नहीं हुआ खुलासा
भगवान सिंह लटवाल की दुकान में चोरी का यह पहला मामला नहीं है। 8 साल पहले भी भगवान की दुकान में चोरी की वारदात हो चुकी है। तब चोरों ने करीब 40 हजार की रकम पर हाथ साफ कर लिया था। घटना को 8 साल बीत गए है लेकिन बदमाशों के गिरेहबां तक पुलिस का हाथ नहीं पहुंचा है। एक बार फिर कोतवाली के बगल में और उसी दुकान में दोबारा चोरी की वारदात के बाद यह मामला पुलिस के लिए नाक का सवाल बन गया है। वही, चोरों के हौसले देखकर लगता है कि उन्हें अब पुलिस का खौफ नहीं रहा।
बिना एसएसपी के चल रहा जिला
अल्मोड़ा के एसएसपी डॉ. मंजूनाथ टीसी का बीते 15 मार्च को ट्रांसफर हो गया था। उन्हें एसएसपी उधमसिंह नगर बनाया गया है। ट्रांसफर को दो सप्ताह से अधिक का समय बीत गया है लेकिन जिले को स्थायी कप्तान नहीं मिल सका है। 10 थानों व 14 चौकी वाला जिला फिलहाल बिना एसएसपी के चल रहा है। हालांकि, शासन की ओर से एसपी बागेश्वर अमित श्रीवास्तव को एसएसपी अल्मोड़ा का प्रभार दिया गया है।