डेस्क। बीते 3 मई को गंगोत्री व यमुनोत्री के कपाट खुलने के साथ ही उत्तराखंड की प्रसिद्ध चारधाम यात्रा शुरू हो चुकी है। चार धाम पर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए स्वास्थ्य परीक्षण अनिवार्य न होने और स्वास्थ्य की लचर सेवा होने के कारण धामों के निकट पहुंचते ही अस्वस्थ श्रद्धालुओं का दम फुल रहा है। इसी कारण हर साल चारधाम को जाने वाले कई अस्वस्थ श्रद्धालु दम तोड़ देते हैं।
इस बार भी अभी तक चारधाम यात्रा पर आए 4 यात्रियों की मौत हृदय गति रुकने से हुई है। ऐसे में चारधाम पर आने वाले श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य की देखभाल एक बड़ी चुनौती है। लेकिन, उसके बाद भी चारधाम के मुख्य पड़ावों पर स्वास्थ्य की समुचित व्यवस्था नहीं की गई
आज शाम करीब 7 बजे यमुनोत्री धाम में एक यात्री रामयज्ञ तिवारी पुत्र बृजमोहन तिवारी उम्र 72 वर्ष, निवासी तहसील जयालपुर जिला सुल्तानपुर, उत्तर प्रदेश को दिल का दौरा पड़ने के कारण उसकी मौत हो गयी। मृतक यमुनोत्री धाम से दर्शन कर लौट रहे था। भडेली गाड़ के पास उसकी तबियत बिगड़ गयी। कुछ देर बाद उसकी मौत हो गयी।
चारधाम यात्रा के प्रमुख पड़ाव उत्तरकाशी में स्वास्थ्य सेवाओं का हाल बदहाल है। स्थिति ये है कि गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में फिजिशियन और हृदय रोग विशेषज्ञ चिकित्सक तैनात नहीं हैं। यमुनोत्री धाम में पहले दिन तीन यात्रियों की मौत हृदय गति रुकने से हुई है। दो दिन में मौत का यह चौथा मामला है।