अल्मोड़ाः उत्तराखंड में सरकार ने नारकोटिक और साइक्रेटॉफिक दवाओं (Narcotic and psychotropic drug) का स्टॉक तय कर दिया है। जहां सरकार ने इन दवाओं का उपयोग बड़ी मात्रा में नशे के रूप में किए जाने की शिकायत मिलने के यह फैसला किया है तो वही, दूसरी ओर स्टाॅक सीमित होने के कारण जरूरतमंद मरीजों को मेडिकल स्टोर में यह दवाईयां आसानी से उपलब्ध नहीं हो पा रही है। जिससे मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

बीते रविवार को नगर के एक होटल में दवा व्यवसाईयों द्वारा बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें वरिष्ठ औषधि निरीक्षक मीनाक्षी बिष्ट मौजूद रही।
प्रांतीय अध्यक्ष बी.एस मनकोटी एवं संस्था के पदाधिकारियों ने कहा कि मानसिक बीमारियों, एंजाइटी, डिप्रेशन, मिग्री और दर्द निवारक के रूप में उपयोग में लाई जाने वाली कई ऐसी दवाईयां है जिनका स्टाॅक शासन द्वारा निश्चित मात्रा में कर दिया गया है। स्टाॅक कम होने से दवाईयों की किल्लत शुरू हो गई है।
इस दौरान दवा व्यवसाईयों ने वरिष्ठ औषधि निरीक्षक मीनाक्षी बिष्ट से नारकोटिक की दवाईयां जरूरत के मुताबिक उपलब्ध कराने के बारे में शासन को अवगत कराने की मांग की। ताकि मरीजों को आसानी से यह जीवनरक्षक दवाईयां उपलब्ध हो सके।
औषधि निरीक्षक द्वारा दवा व्यवसाईयों को आश्वस्त किया गया कि वह उच्चाधिकारियों से बातचीत कर यह दवाईयां जरूरत के मुताबिक मेडिकल स्टोर में उपलब्ध कराई जाएंगी। जिससे जरूरतमंद मरीजों को चिकित्सक द्वारा निर्धारित पर्चे के माध्यम से बिना किसी परेशानी के मेडिकल स्टोर से यह दवाईयां उपलब्ध हो सके। साथ ही औषधि निरीक्षक द्वारा इन दवाओं की खरीद, बिक्री का रिकॉर्ड दुरुस्त रखने पर जोर दिया गया।
बैठक का संचालन चंदन मेर ने किया। बैठक में बी.एस मनकोटी, आशीष वर्मा, राघव पंत, गिरीश उप्रेती, प्रकाश साह, कस्तूरीलाल, भुवन गुरुरानी, अशोक पांडे समेत कई दवा व्यवसाई मौजूद रहे।
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