अल्मोड़ा: उत्तराखंड का अल्मोड़ा जिला अपनी सांस्कृतिक व बौद्धिक विरासत के चलते पूरे प्रदेश में अपना विशिष्ट स्थान रखता है। कुमाऊं की सांस्कृतिक राजधानी समझे जाने वाले इस अल्मोड़ा शहर के लोग अपनी इस विरासत को सहेजने का कोई मौका नहीं जाने देते। लेकिन इस सांस्कृतिक नगरी में पुलिस ने कुछ अपने ही ऐसे नियम बना रखे हैं, जो पूरे भारत में कहीं लागू नहीं होते। देश में ऐसा ही एक नियम है कि बाइक सवार हेलमेट लगाएं और कार चालक सीट बेल्ट का उपयोग करें। लेकिन यदि अल्मोड़ा में आकर आपको इस नियम में परिवर्तन होता दिखाई दे, कोई आश्चर्य की बात नहीं।
अल्मोड़ा की सड़कों पर कार चलाने के दौरान आपका हेलमेट न लगाने के जुर्म में भी चालान हो सकता है। इसमें चौंकने जैसी कोई बात नहीं। अल्मोड़ा शहर में बकायदा यह कारनामा हो चुका है। मोबाइल क्रांति के दौर में ऐसे कारनामे सोशल मीडिया पर आने में देर नहीं लगाते, इसलिए पुलिस अधिकारियों को भी इसमें कुछ कहते नहीं बन रहा हैं।
राज्य स्थापना दिवस से एक दिन पहले की बात है, जब अल्मोड़ा कोतवाली की एक महिला एसआई ने वाहन चेकिंग के दौरान एक टैक्सी अल्टो कार संख्या यूके 01 टीए 4312 के चालक विजय सिंह कनवाल को नशे में होने के शक में माल रोड पर रोक लिया और पुलिस उसके वाहन को कोतवाली ले गई। पुलिस ने कार चालक का चिकित्सकीय परीक्षण कराया, लेकिन मेडिकल में कार चालक के नशे में होने की पुष्टि नहीं हुई। जिस पर पुलिस ने कार चालक विजय का हेलमेट न लगाए जाने के जुर्म में चालान काट दिया। एक कांस्टेबल को इसका गवाह भी बनाया गया।
कुछ दिन पहले ही प्रदेश के डीजीपी की इस स्वीकारोक्ति कि महकमे के कई दरोगाओं को केस डायरी भी लिखनी नहीं आती के बाद कार चालक का हेलमेट न पहनने के जुर्म में कटा पुलिस का यह चालान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। कार चालक का हेलमेट न होने पर कटा चालान पत्र वायरल होते ही पुलिस के होश उड़ गए।
मामले की जानकारी मांगने पर यातायात पुलिस से जुड़े एक अधिकारी ने इसे संभागीय परिवहन अधिकारी द्वारा किया गया चालान बताकर पुलिस को फजीहत से बचाने की कोशिश की तो चालान शीट के ऊपर कार्यालय, एसएसपी अल्मोड़ा की लगी मुहर ने ही उनकी चुगली कर डाली।
जिसके बाद पुलिस की इस लापरवाही को लीपने के लिए आनन फानन में कार चालक को बहला फुसलाकर कोतवाली बुलाकर उसे दी गई चालान चिट में चालान काटने की वजह हेलमेट न पहने होने की जगह कार चालक द्वारा सीट बेल्ट न लगाने का जुर्म संशोधित कर अपनी डायरी को भी दुरुस्त कर लिया गया।
लेकिन इतनी चालाकी के बाद भी पुलिस इसमें एक और चूक कर गई। पाठक गौर से देखेंगे तो चालान चिट पर चालान किए गए वाहन के दो नंबर दिखाई देंगे। एक ही चालान शीट पर दो वाहनों के नम्बर के बारे में बताया जा रहा है कि इस कार चालक को पकड़े जाने से पूर्व पुलिस ने किसी और वाहन चालक को चालान के लिए रोका होगा। चालान काटने के लिए पुलिस ने उसकी गाड़ी का नंबर चालान शीट पर लिखा ही होगा कि उसके बाद उसकी याचना, जान पहचान या किसी और वजह से उसका चालान नहीं काटकर उसे जाने दिया होगा। उसके ठीक बाद हत्थे चढ़े इस कार चालक का चालान काटते समय पुलिस उपनिरीक्षक ने पुराने नंबर को बिना काटे चालान शीट पर एक और नया नंबर दर्ज कर दिया।
वैसे इस हास्यास्पद मामले में पुलिस अधिकारी खुद हैरान हैं। लेकिन पुलिस उपाधीक्षक विमल प्रसाद ने अपने अधिकृत बयान में इसे बाई मिस्टेक करार दिया है। कुल मिलाकर पुलिस ने इस चालान शीट को भले ही अपने अधिकृत रिकॉर्ड में दुरुस्त कर लिया हो। लेकिन सोशल मीडिया के इस दौर में तब तक इतनी देर तो हो ही चुकी थी कि, मामला कार चालक के पास से आगे जाकर सोशल मीडिया का हिस्सा बन चुका था। अब लोग सोशल मीडिया पर इसे लेकर जबर्दस्त चटकारे ले रहे हैं।
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