अल्मोड़ा: जिले में अवैध खनन का कारोबार लगातार फल फूल रहा है। माफियाओ द्वारा जिला प्रशासन के नाक के नीचे अवैध खनन के काले कारोबार को अंजाम दिया जा रहा है। लेकिन जिला व पुलिस प्रशासन सोया हुआ नजर आ रहा है। खनन माफिया सरकारी नियम कायदों को ठेंगा दिखाते हुए नदी से अवैध तरीके से रेता बजरी निकालकर उसे बेच रहे है। नदी से खनिज संपदा की इस लूट से राजस्व विभाग व सरकार को अच्छी खासी चपत भी लग रही है।
जिला मुख्यालय से महज करीब 10 किमी की दूरी पर सुयाल नदी बहती है। लेकिन लंबे समय से इस नदी में विश्वनाथ घाट क्षेत्र के आस पास अवैध खनन धड़ल्ले से चल रहा है। खुलेआम नदी से खनिज संपदा की लूट की जा रही है। खनन माफिया नदी से अवैध तरीके से रेता बजरी निकालने के बाद उसे बेच कर लाखो रुपए का मुनाफा कमा रहे है। लेकिन हैरत की बात ये है कि प्रशासनिक अमले को इसकी भनक तक नही है। वही, खाकी भी इस अवैध खनन व उसके परिवहन से अनभिज्ञ है।
मामले के संज्ञान में आने के बाद इधर जिला प्रशासन हरकत में आ गया है। आनन फानन में टीम गठित कर मामले की जांच शुरू कर दी है। वही, एसडीएम सदर गोपाल सिंह चौहान ने बताया कि तहसीलदार के नेतृत्व में मामले को लेकर टीम का गठन किया गया है। अगर संबंधित क्षेत्र में अवैध खनन पाया जाता है तो इसमें लिप्त लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने समेत अन्य आवश्यक कार्रवाई अमल में लायी जाएगी।
बता दे कि धामी सरकार ने कुछ माह पहले ही जिलाधिकारियों को नदी में पुलों के करीब 1 किमी के दायरे तक खनन पर रोक लगाने के आदेश जारी किए थे। लेकिन सुयाल नदी में जिला प्रशासन के परमिशन के बगैर जिस स्थान पर अवैध खनन के काले कारोबार को अंजाम दिया जा रहा है। वह अल्मोड़ा-शहरफ़ाटक स्टेट हाईवे में विश्वनाथ पुल से कुछ ही दूरी पर है। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिला प्रशासन के आला अधिकारी सरकारी आदेशो को लेकर कितने सजग है। हालांकि, अब देखना होगा कि जिला प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है।
उपपा नेता पीसी तिवारी ने कहा प्रदेश में अवैध खनन व कमीशनखोरी राजनीति का आधार बन गया है। सतारूढ़ दलों से जुड़े प्रभावशाली लोगो द्वारा सरकार के संरक्षण में इन अवैध कामो को अंजाम दिया जा रहा है। सुयाल नदी में लंबे समय से कुछ ऐसे ही प्रभावशाली लोग खनन कर रहे है। जिससे न सिर्फ वो पैसा कमा रहे है बल्कि इससे पर्यावरण को भी नुकसान हो रहा हैं। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन को ऐसे लोगों के खिलाफ तत्काल कठोर कार्रवाई करनी चाहिए ताकि खनन माफियाओं को सबक मिल सके।
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