अल्मोड़ा: गोविन्द बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान, कोसी कटारमल द्वारा वर्ष 2022-23 में तृतीय तिमाही कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला महेश चन्द्र सती, तकनीकी अधिकारी तथा सदस्य, राजभाषा कार्यान्वयन समिति द्वारा आयोजित की गई।
इस दौरान सती ने ‘राजभाषा हिंदी का प्रयोग अधिक से अधिक कैसे करें’ विषय पर आयोजित कार्यशाला के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की और राजभाषा विभाग द्वारा जारी वार्षिक कैलेंडर और इसके प्रयोग से भी सबको अवगत कराया।
उन्होंने सभी प्रतिभागियों से अनुरोध किया कि भारतीय संविधान के अनुसार हिंदी को जो स्थान प्राप्त है उसको ध्यान में रखकर सरकारी कामकाज में हिंदी का अधिक से अधिक प्रयोग करते हुए संस्थान में शोध संबंधी कार्यो को भी हिन्दी में करने की पद्धति को बढ़ावा दिए जाने की और अधिक आवश्यकता है। सती ने बताया कि हिंदी पत्राचार के निर्धारित लक्ष्य 100 प्रतिशत को प्राप्त करने के लिए ठोस प्रयास किए जाए। साथ ही उन्होंने बताया कि संस्थान में हिन्दी के काम काज की स्थिति सन्तोषजनक है।
उन्होंने राजभाषा अधिनियम, 1963 (यथा संशोधित, 1967) की धारा 3 (3) में उल्लिखित आदेशों, राजभाषा हिन्दी की उत्पत्ति, हिन्दी दिवस तथा विश्व हिन्दी दिवस को मनाये जाने के कारण, राजभाषा नियम, राजभाषा पुरष्कार, वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली, विभिन्न क्षेत्रों के बीच पत्राचार, हिन्दी वर्तनी, कार्यालयी हिन्दी, कार्यालयों में उपयोग होने वाले विभिन्न पत्रों, कार्यालय आदेश, परिपत्र, टिप्पणी और कम्प्यूटर पर यूनिकोड का प्रयोग की विस्तृत जानकारी भी दी।
इस अवसर सभी उपस्थित प्रतिभागियों को हिन्दी में शोध सम्बन्धित काम काज को बढ़ावा देने तथा हिन्दी में कार्य करने वाले अधिकारियों कर्मचारियों को प्रोत्साहन करने के उद्देश्य से पुरस्कार योजना के बारे में भी जानकारी दी गई। इस कार्यशाला में संस्थान में कार्यरत अधिकारियों कर्मचारियों ने प्रतिभाग किया।
अंत में महेश चन्द्र सती, सदस्य राजभाषा कार्यान्वयन समिति द्वारा कार्यशाला में मौजूद सभी प्रतिभागियों को धन्यवाद ज्ञापित किया गया।
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