यूक्रेनी संकट में चीन- जो कि संकट में प्रत्यक्ष पार्टी नहीं हैं , ने इस बात को समझ लिया है कि अमेरिका और उसके सहयोगी देश युद्ध सिर्फ उसी देश के खिलाफ करते हैं, जिनके मुकाबले में उनकी तकनीक – अर्थव्यवस्था -सैन्यशक्ति अत्यन्त ही बेहतर होती है l
याद करिये इराक और अफ़ग़ानिस्तान पर नाटो का हमला, वियतनाम पर अमेरिकी हमला l याद करिये सन 1961-62 में जर्मनी का विभाजन और क्यूबा संकट l
तकनीक – अर्थव्यवस्था -सैन्यशक्ति के मामले में वियतनाम, इराक और अफ़ग़ानिस्तान अमेरिका /नाटो के आगे कहीं नहीं ठहरते थे , इसलिए यहाँ युद्ध करना सुरक्षित युद्ध था l किंतु पूर्वी जर्मनी और क्यूबा के साथ तत्कालीन सोवियत संघ एवं वार्सा संधि की शक्ति थी… यहाँ युद्ध नहीं समझौता हुआ l
पिछले सौ वर्षों का इतिहास देखेंगे तो पाएंगे कि अमेरिका ने जितने भी युद्ध किये, सब दूसरे देशों की धरती पर ही किये l सिर्फ दो अवसर ऐसे हुए जब अमेरिका की जमीन पर हमला हुआ… पहला पर्ल हर्बर (दिसंबर 1941) और दूसरा ट्विन टावर हमला ( सितंबर 2001) …भौगोलिक रूप से अमेरिका की स्थिति और उसके हथियार अमेरिका को यह सुविधा देते हैं कि अमेरिका की जमीन पर युद्ध न हो l
यूक्रेनी संकट ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि अमेरिका सिर्फ वहीं लड़ेगा जहाँ युद्ध करने में उसके हथियारों का मुकाबला न हो, उसकी खुद की ज़मीन /शहर/आबादी सुरक्षित रहे l चूंकि रूस अमेरिका की जमीन पर हमला करने में पूरी तरह सक्षम है, अमेरिका सीधा युद्ध नहीं करेगा (नाटो देश भी रूस की इस शक्ति से वाफिक हैं, अतः वे भी युद्ध नहीं चाहेंगे) l
चीन इस तथ्य को समझ रहा है l वह अमेरिका और नाटो की इस कमजोरी का फायदा ताईवान और दक्षिण चीन सागर के क्षेत्र में उठायेगा l अमेरिका अब संसार की एकमात्र महाशक्ति नहीं रहा, रूस और चीन भी अब विश्वशक्ति होने के साथ एक दूसरे के सहयोगी भी हैं l
मौजूदा दौर में यह स्थिति भारत के लिए खतरा बन सकती है, अगर हमने अपनी विदेश नीति को संतुलित न रखा l विदेश नीति के अलावा हमें अपनी सुरक्षा नीति/प्रयास चीन की सामरिक -आर्थिक ताकत को ध्यान में रखते हुए करने होंगे l खासतौर से दक्षिण एशिया मध्य एशिया एवं पूर्वी एशिया में स्वयं को बड़ी ताकत के रूप में स्थापित करना होगा l
(नोट- लेख़क द्वारा रूस-यूक्रेन संकट कुछ दिन पहले यह आर्टिकल लिखा था।)
मुकेश प्रसाद बहुगुणा
(लेखक राजकीय इंटर कॉलेज मुंडनेश्वर, पौड़ी गढ़वाल में राजनीति विज्ञान के प्रवक्ता है और वायु सेना से रिटायर्ड है। मुकेश प्रसाद बहुगुणा समसामयिक विषयों पर सोशल मीडिया में व्यंग व टिप्पणियां लिखते रहते है।)