अल्मोड़ा: सोबन सिंह जीना राजकीय आयुर्विज्ञान एवं शोध संस्थान(Soban Singh Jina Government Institute of Medical Sciences and Research) को इंटर्नशिप के लिए अधिकृत कर दिया गया है। एनएमसी के नियमानुसार अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज में इंटरर्नशिप के लिए कुल 8 सीटें तय की गई है। ऐसे में विदेश से एमबीबीएस की डिग्री ले चुके मेडिकल स्टूडेंट्स अब यहां इंटरर्नशिप कर सकेंगे।
मंगलवार को स्टेट मेडिकल काउंसिल की बैठक हुई। जिसमें प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्य मौजूद रहे। प्राचार्य डॉ. सी.पी भैसोड़ा(Principal Dr. C.P Bhaisoda) ने यह जानकारी देते हुए बताया कि अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज में इंटर्नशिप के लिए 8 सीटें तय कर दी गई है। मेडिकल स्टूडेंट्स एक साल यहां इंटर्नशिप करेंगे। इससे मेडिकल स्टूडेंट्स को तो फायदा मिलेगा ही साथ ही अस्पताल को भी सहायता मिलेगी।
एनएमसी के नियम के अनुसार, विदेशों से पढ़कर आने वाले मेडिकल स्टूडेंट्स के लिए मेडिकल कॉलेजों में 7.5 फीसदी अलग से सीटें प्रदान करनी होती हैं। इसकी गणना कॉलेज के कुल सीटों के आधार पर की जाती है।
अप्रैल माह से शुरू होगी एमआरआई सुविधा
पहाड़ के लोगों को एमआरआई के लिए अब मैदानी जिलों की दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी। अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज में अब जल्द ही मरीजों को एमआरआई की सुविधा मिल सकेगी। इसके अलावा सभी जटिल आपरेशन भी मेडिकल कॉलेज में ही होंगे। जिसका लाभ अल्मोड़ा की जनता के साथ ही पिथौरागढ़, बागेश्वर, चंपावत जिलों के लोगों को भी मिल सकेगा।
अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सी.पी भैसोड़ा ने पत्रकार वार्ता में कहा कि मेडिकल कॉलेज में स्वास्थ्य सुविधाओं में लगातार सुधार हो रहा है। कॉलेज में अब कीमोथेरेपी की सुविधा मरीजों को मिलने लगी है। जबकि एनआईसीयू, पीआईसीयू, आईसीयू, डायलिसिस की सुविधा पहले से मिल रही है।
डॉ. भैसोड़ा ने कहा कि एमआरआई मशीन को स्थापित करने का काम जारी है। अप्रैल दूसरे सप्ताह तक मेडिकल कॉलेज में एमआरआई की सुविधा मरीजों को मिलने लगेगी। उन्होंने कहा कि कुछ दिक्कतों के चलते मेडिकल कॉलेज में आर्थो समेत अन्य विभागों के जटिल आपरेशन नहीं हो पा रहे हैं। जबकि आई, ईनएनटी, गाइनी आदि विभागों के सामान्य आपरेशन हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी हाल में एक अप्रैल से आर्थो समेत अन्य मेजर आपरेशन शुरू कर दिए जाएंगे। इसके लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है।
जल्द दूर होगी फैकल्टी की कमी
प्राचार्य डॉ. सी.पी भैसोड़ा की माने तो अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज में वर्तमान में 52 फीसदी फैकल्टी तैनात है। जबकि जरूरत 82 फीसदी की हैं। फैकल्टी की कमी मेडिकल कॉलेज को सही तरह से संचालित करने में रोड़ा बन रही है। प्राचार्य डॉ. भैसोड़ा ने कहा कि शासन से जल्द ही चार मेडिकल कॉलेजों में 172 असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति होने वाली है। जिसमें अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज को 30 से 40 असिस्टेंट प्रोफेसर मिलने की उम्मीद हैं। इनकी तैनाती के बाद कॉलेज में काफी हद तक कमी पूरी होगी।
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