अल्मोड़ा: नगर व्यापार मंडल के चुनाव से पहले व्यापारी नेताओं में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। नगर व्यापार मंडल के पूर्व अध्यक्ष संजय शाह रिक्खू ने एक बार फिर जिला व्यापार मंडल के पदाधिकारियों व चुनाव संचालक समिति पर हमला बोला है। साह ने मीडिया को जारी एक बयान में कहा कि व्यापार मंडल में आज ऐसे भी पदाधिकारी हैं जिनकी अपनी कोई दुकान नहीं है। लेकिन वह व्यापार मंडल में एक महत्वपूर्ण पद पर बैठे हैं। वही, चुनाव समिति में ऐसे लोग नियुक्त किए गए हैं, जिनकी न तो दुकान है और न ही व्यापार से दूर-दूर तक का इनका वास्ता है।
साह ने कहा कि व्यापार मंडल के कुछ पदाधिकारी व्यापारी हितों के लिए काम करने का ढिंढोरा पीट रहे है। जबकि उनके कार्यकाल में ही मल्ला महल से कलक्ट्रेट नगर से 4 किमी दूर शिफ्ट हो गया। जब कलक्ट्रेट का सामान नये कलक्ट्रेट में शिफ्ट किया गया उस दरमियान व्यापार मंडल के नेता कहा सोए हुए थे, क्यों उसी समय विरोध व धरना—प्रदर्शन नहीं किया गया। विरोध के नाम पर सिर्फ अधिकारियों को ज्ञापन देते हुए फोटो खींचवाई गई। व्यापार मंडल के नेता जिला प्रशासन की कठपुतली बनकर तमाशा देखते रहे और कलक्ट्रेट नगर से विकास भवन शिफ्ट हो गया। इन व्यापारी नेताओं की गैर जिम्मेदारी की वजह से आहत होकर मिठाई, रेस्टोरेंट, बारबर व्यापारियों को अपना अलग संगठन का गठन करना पड़ा।
साह ने कहा कि वर्तमान व्यापार मंडल व्यापारिक इतिहास में सबसे निराशाजनक व्यापार मंडल रहा है। जिसे अब शहर का व्यापारी अच्छी तरह समझ चुका है। जब आज चुनाव नजदीक आ गए हैं, तो सदस्यता अभियान के तहत व्यापारियों से मिलने का बहाना ढूंढा जा रहा है। उन्होंने कहा कि अगर चुनाव समिति अपनी मनमानी करती रही तो उसका मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी चुनाव समिति के मुख्य चुनाव अधिकारी की होगी।
साह ने कहा कि कोई भी व्यापारी यह साबित कर दे कि मेरे द्वारा 12 साल के कार्यकाल में किसी भी तरह की अवैध वसूली की गई हो तो व्यापारी जो दंड देंगे वह मंजूर होगा। उन्होंने कहा कि अगर अपने आप को बड़ा व्यापारी नेता समझने वाले लोग चुनावी रण में आए, दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा। उन्होंने कहा कि खुद को व्यापारियों का हितैषी समझने वाले नेता अपने 4 साल में एक ऐसा कार्य बता दे जो उन्होंने अपने कार्यकाल में व्यापारी हितों के लिए किया हो।
साह ने कहा कि व्यापार मंडल के कुछ पदाधिकारियों द्वारा व्यापार मंडल को प्राइवेट पार्टी बनाकर रख दिया है। उन्होंने कहा कि उनकी यह मनमानी किसी भी सूरत हाल में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। हर स्तर से इसकी लड़ाई लड़ी जाएगी और व्यापारियों के हितों की आवाज को प्रशासन के आगे बुलंद किया जाएगा।