अल्मोड़ा: साहित्यकार व शिक्षिका मीनू जोशी का काव्य संग्रह ‘धूप तुम आती रहना’ का लोकार्पण रविवार को नगर के एक होटल सभागार में किया गया। इस काव्य संग्रह में हिंदी भाषा की 52 कविताएं व 4 गजल संग्रहित हैं। जो काफी सरल भाषा में लिखी गई हैं। कवि ने इस संग्रह में स्त्री को काफी महत्व दिया हैं। जिसमें ‘मुझे लाघना है पूरा संसार’, ‘मेरे सपनों की उड़ान’, ‘धूप तुम आती रहना’, ‘मैं कविता बन जीती हूं जैसी तमाम कविताएं शामिल हैं।
छंजर सभा के तत्वावधान में आयोजित समारोह के पहले सत्र में मुख्य अतिथि सोबन सिंह जीना विवि के पूर्व कुलपति प्रो. जगत सिंह बिष्ट, त्रिभुवन गिरि महाराज, तिलक राज जोशी, नीलम नेगी, नवीन बिष्ट, मोहन जोशी, प्रो. अरुण पंत, डॉ. भुवन जोशी, डॉ. रमेश लोहुमी ने पुस्तक का लोकार्पण किया।
मुख्य अतिथि प्रो. जगत सिंह बिष्ट ने कहा कि यह काव्य संग्रह बहुआयामी समाज के बिंदु पर केंद्रित कविता व ग़ज़ल की एक अनूठी पहचान है। इस काव्य संग्रह की समीक्षा डा. तिलक राज जोशी ने की तथा भूमिका सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य, साहित्यकार नीलम नेगी ने तैयार की है। पहले सत्र का संचालन डॉ. महेंद्र सिंह मेहरा ने किया।
साहित्यकार व लेखक मीनू जोशी ने कहा कि यह पुस्तक विविधता को लिए है। जिसमें समाज, महिलाएं, बच्चे, प्रकृति, पर्यावरण समेत विभिन्न विधाओं को संजोया गया है। उन्होंने कहा कि एक कवि हमेशा कल्पनामय रहता है। समाज में जब भी अच्छी-बुरी घटनाएं घटती हैं तो वह उनके हृदय को काफी प्रभावित करती हैं। कई बार हृदय काफी व्यथित होता है। बाद में जो एक कविता के रूप में सामने आती है। उन्होंने कहा कि प्रकृति का उन्होंने काफी गहनता से निरीक्षण किया है। प्रकृति को वह हमेशा सजीव रूप में देखती हैं। इस सजीवता में उन्हें जो कुछ दिखाई देता या जो कुछ वह महसूस कर पाती है, उन्हें कविताओं के रूप में व्यक्त करती हैं। उन्होंने कहा कि इस काव्य संग्रह में प्रकृति व पर्यावरण पर आधारित कई कविताएं शामिल हैं।
समारोह के द्वितीय सत्र में काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता प्रो. एस ए हामिद व संचालन नीरज पंत ने किया। काव्य गोष्ठी में तिलक राज जोशी, मीनू जोशी, नीलम नेगी, रमेश मिश्रा, रमेश लोहुमी, धारा बल्लभ पांडे, विपिन जोशी, गणेश भट्ट, कंचन तिवारी, वीना चतुर्वेदी, परवीन हामिद, संजय अग्रवाल सहित अनेक लोगों ने काव्य पाठ किया।
समारोह के अंत में कवि मीनू जोशी के पति देवेन्द्र जोशी व उनके पुत्र क्षितिज जोशी ने सभी अतिथियों, साहित्यकारों व अन्य लोगों का आभार व्यक्त किया।
इस मौके पर हेमलता पांडेय, भरत भूषण, डॉ. दीपा गुप्ता, गोपाल गैड़ा, दीपा जलाल, चंपा जोशी, विजय कुमार जोशी, हर्ष काफर, विनायक पंत समेत कई लोग मौजूद रहे।