देहरादून: उत्तराखंड में नगर निकाय चुनाव को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग ने अपनी तैयारियां पूरी कर ली है। निर्वाचन आयोग को सरकार से आरक्षण पर फाइनल मुहर लगने का इंतजार है। अगले सप्ताह तक चुनाव के लिए अधिसूचना जारी होने की उम्मीद है।
उत्तराखंड में नगर निकायों के लिए चुनाव की स्थिति अब साफ होती दिख रही है। हालांकि राज्य में नगर निकाय चुनाव तय समय सीमा से नहीं कराए जा सके हैं। दरअसल, राज्य में दो दिसंबर को ही नगर निकायों का 5 साल का कार्यकाल खत्म हो चुका है। इसके बाद से 4 दिसंबर को तमाम नगर निकायों में प्रशासक नियुक्त किए गए थे। इस तरह प्रदेश के नगर निकायों को पिछले करीब 11 महीने से प्रशासक ही चला रहे हैं।
निकाय चुनाव समय पर नहीं होने के कारण प्रशासकों का कार्यकाल भी दो बार बढ़ाया जा चुका है। पहले दिसंबर में 6 महीने के लिए प्रशासक बैठाए गए, फिर जून महीने में इनका कार्यकाल 3 महीने के लिए बढ़ाया गया। इसके बाद भी चुनाव नहीं हो पाने के कारण शासन ने नगर निकायों में प्रशासकों का कार्यकाल नए बोर्ड के गठन तक के लिए बढ़ाने का आदेश जारी किया। हालांकि यह मामला हाईकोर्ट तक पहुंचा और सरकार ने हाईकोर्ट में भी अक्टूबर तक चुनाव कराने का हलफनामा दिया, लेकिन सरकार आरक्षण की व्यवस्था पूरी नहीं हो पाने के कारण चुनाव नहीं करवा पाई।
राज्य निर्वाचन आयोग ने निकाय चुनाव की तैयारी पूरी करने के बाद सरकार से जल्द ही आरक्षण व्यवस्था पर फाइनल निर्णय होने के बाद चुनाव कराए जाने का दावा किया है। फिलहाल प्रदेश में ओबीसी आरक्षण की कागजी कार्यवाही पूरी हो चुकी है और ओबीसी आरक्षण की नियमावली के लिए अब मुख्यमंत्री के अनुमोदन का इंतजार किया जा रहा है।
बताया जा रहा है कि अनुमोदन होने के साथ ही आरक्षण की व्यवस्था का पूरा प्रारूप राज्य निर्वाचन आयोग को भेजा जाएगा और इसके बाद राज्य निर्वाचन आयोग निकाय चुनाव की प्रक्रिया को आगे बढ़ा सकेगा। फिलहाल राज्य निर्वाचन आयोग निर्वाचक नामावली बनाने का काम कर रहा है। आठ नवंबर तक वोटर लिस्ट का प्रकाशन भी कर लिया जाएगा। उम्मीद की जा रही है कि 10 नवंबर को आयोग अधिसूचना जारी कर देगा।