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जिपं में प्रशासकों की नियुक्ति पर घमासान, ग्राम प्रधान संगठन ने दी यह बड़ी चेतावनी, पढ़ें पूरी खबर

अल्मोड़ा। उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव कब होंगे यह तो भविष्य की गर्त में छिपा है। लेकिन जिला पंचायतों में निवर्तमान अध्यक्षों को प्रशासक की जिम्मेदारी सौंपने से जिले के सभी ग्यारह विकासखंडों में ग्राम प्रधान संगठन विरोध में उतर आए हैं। हालांकि, सतारूढ़ पार्टी से जुड़े कुछ निवर्तमान ग्राम प्रधान खुल कर विरोध करने से बच रहे हैं।

सोमवार को ग्राम प्रधान संगठन हवालबाग ने कलक्ट्रेट में डीएम आलोक कुमार पांडेय के माध्यम से सीएम को ज्ञापन भेजा है। ज्ञापन में कहा कि अगर जिला पंचायतों में निवर्तमान अध्यक्षों को ही प्रशासक की जिम्मेदारी दी जा सकती है तो प्रधानों व क्षेत्र पंचायत प्रमुखों के मामले में ऐसा क्यों नहीं किया जा रहा है। कहा कि सरकार पंचायती राज एक्ट में संशोधन या अध्यादेश लाकर सौतेले व्यवहार को समाप्त करें। और जिपं की तरह उन्हें भी प्रशासक का दर्जा दिया जाए।

भैसियाछाना, लमगड़ा व ताकुला के ग्राम प्रधान संगठनों ने खंड विकास अधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा है। संगठन ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं, तो वे मुख्यमंत्री आवास की ओर कूच और घेराव करेंगे।

ज्ञापन सौंपने वालों में ब्लाक अध्यक्ष हवालबाग देव सिंह भोजक, लमगड़ा राजेंद्र सिंह, भैसियाछाना चंद्र सिंह मेहरा, रंजीत नयाल, विनोद बोरा, किशन सिंह बिष्ट, बलवीर सिंह, बची राम, अर्जुन बिष्ट, राजन बिष्ट, ममता मेहरा, गुड्डी बिष्ट, बलवंत कुमार, मनोज मेहरा, भगवान बिष्ट, अर्जुन मुस्यूनी आदि मौजूद रहे।

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