नैनीताल: हाईकोर्ट ने अल्मोड़ा विधायक मनोज तिवारी की अवमानना याचिका पर सोमवार को सुनवाई की। कोर्ट ने सचिव शहरी विकास और डीएम अल्मोड़ा को कोर्ट के आदेश का अनुपालन नहीं करने पर अवमानना नोटिस जारी किया है। उन्हें 30 दिसंबर कोर्ट में जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं।
अल्मोड़ा विधायक मनोज तिवारी ने जनता के हित को देखते हुए नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी। उन्होंने कहा था कि अल्मोड़ा के एनटीडी से लेकर धार की तुनी तक रोड की मरम्मत और चौड़ीकरण का कार्य किया जाना है, जो अति आवश्यक है। क्योंकि, इस रोड पर कई स्कूल हैं, लेकिन रोड की खराब स्थिति और संकरी होने की वजह से अक्सर स्कूली बच्चे चोटिल होते आए हैं। इसके अलावा रोड पर जाम लगने के कारण स्कूली बच्चे तय समय पर स्कूल भी नहीं पहुंच पा रहे हैं।
मामले को लेकर बीती जून महीने में हाईकोर्ट ने उनकी जनहित याचिका पर सुनवाई कर सरकार को निर्देश दिए थे कि इसकी जांच कर कोर्ट को अवगत कराएं। लेकिन अभी तक सरकार ने इसका कोई जवाब कोर्ट में पेश नहीं किया। पूर्व के आदेश का पालन नहीं करने पर विधायक मनोज तिवारी ने अल्मोड़ा नगर निगम, जिलाधिकारी और सचिव शहरी विकास के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की।
मामले की सुनवाई सोमवार को न्यायाधीश न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की एकलपीठ में हुई। नगर निगम अल्मोड़ा की ओर से कोर्ट को अवगत कराया गया कि कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए पालिका ने इस सड़क की मरम्मत एवं चौड़ीकरण के लिए सचिव शहरी विकास और डीएम अल्मोड़ा को 74.48 लाख रुपये बजट का प्रस्ताव अनुमोदन के लिए भेजा है। लेकिन अब तक बजट नहीं मिल सका है। कोर्ट ने इसे अपने आदेश की अवहेलना मानते हुए सचिव शहरी विकास और डीएम अल्मोड़ा को अवमानना का दोषी पाया और नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं। इस मामले में अगली सुनवाई 30 दिसंबर को होगी।