अल्मोड़ा। प्रदेश सरकार द्वारा वनाग्नि प्रबंधन के लिए आदर्श माने जा रहे शीतलाखेत मॉडल के अध्ययन के लिए चमोली के अलकनंदा वन प्रभाग से 47 सदस्यीय एक दल शीतलाखेत पहुंचा। दल ने स्याहीदेवी, शीतलाखेत आरक्षित वन क्षेत्र का भ्रमण कर कई जानकारियां हासिल की। दल का नेतृत्व वन दरोगा अनुराग वैरागी कर रहे है।
स्याही देवी विकास मंच के संस्थापक और संयोजक गजेंद्र पाठक ने बतााया कि गढ़वाल मंडल से आने वाले दस दलों द्वारा स्याहीदेवी-शीतलाखेत के आरक्षित वन क्षेत्र के भ्रमण कार्यक्रम की कार्यवाही पूरी कर ली गई है। 15 जनवरी से कुमाऊं मंडल के 15 वन प्रभागों से वन सरपंचों, महिला मंगल दल के सदस्यों, वन कर्मियों का भ्रमण कार्यक्रम शुरू होगा, जो 31 जनवरी तक चलेगा।
सबसे पहले दल को पिछले बारह सालों से वन विभाग और जनता के परस्पर सहयोग से वनाग्नि से सुरक्षित रखे गए वन क्षेत्र का भ्रमण कराया गया। वनाग्नि की रोकथाम करने से वन क्षेत्र में बायोमास में वृद्धि, जल स्रोतों, जैव विविधता के फायदे, ओण दिवस और फायर पट्टी के महत्व की जानकारी दी गई। दल ने स्याहीदेवी गांव का भी भ्रमण किया। जहां महिला मंगल दल अध्यक्ष रोशनी फिरमाल के नेतृत्व में महिलाओं ने दल के सदस्यों का स्वागत किया।
यहां वन सरपंच कैलाश नाथ, पुष्पा पाठक, कविता परिहार, कविता फिरमाल, कमला फिरमाल, दिगविजय सिंह, हेम चंद्र, हर्ष काफर, महेंद्र नेगी, राजेन्द्र बोनाल, राम सिंह समेत कई लोग मौजूद रहे।
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