अल्मोड़ा। पहाड़ी आर्मी के संस्थापक अध्यक्ष हरीश रावत ने सशक्त भू कानून, मूल निवास, गौ माता को राज्य माता का दर्जा देने, पर्वतीय जिलों की भाषा और त्योहारों को सरकारी मान्यता देने की मांग की है। वही, यूसीसी के लिव-इन रिलेशनशिप प्रावधान पर आपत्ति जताते हुए उन्होंने इसे उत्तराखंड की संस्कृति के खिलाफ बताया है।
पहाड़ी आर्मी द्वारा आयोजित पहाड़ी सशक्तिकरण अभियान के तहत जागरण यात्रा रविवार को जिला मुख्यालय पहुंची। यहां प्रेस वार्ता में पहाड़ी आर्मी के अध्यक्ष हरीश रावत ने कहा कि पिछले 25 वर्षों में भाजपा कांग्रेस ने प्रदेश को गर्त में धकेल दिया है। मूलभूत समस्याओं के निदान पर काम करने के बजाय प्रदेश में कानून पर कानून थोपे जा रहे हैं। पहाड़ का व्यक्ति अब बाहरियों का अतिक्रमण बिल्कुल सहन नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता के लिव-इन रिलेशनशिप कानून से समाज की मर्यादाएं समाप्त हो जाएंगी और यह देवभूमि की सांस्कृतिक पहचान पर नकारात्मक प्रभाव डालेगा। उन्होंने सरकार से संसोधन की मांग की है। कहा कि ऐसा न हुआ तो पहाड़ी आर्मी विरोध करेगी।
अभियान के संयोजक विनोद साही ने कहा आज हमारा समाज सशक्त होने के बजाय कमजोर हो रहा है। पर्वतीय जिलों से लगातार पलायन बढ़ रहा है। राज्य में जो हालात आज बने हैं उसके लिए भाजपा कांग्रेस की सरकारें जिम्मेदार है।
प्रेस वार्ता के बाद पहाड़ी आर्मी के सदस्यों ने चौघानपाटा में कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल का पुतला दहन किया। मत्री के बयान को पहाड़विरोधी बताते हुए कहा कि बाहरी लोगों द्वारा देवभूमि में आकर यहां के लोगों के आर्थिक संसाधनों व हक हकूकों पर कब्जा किया जा रहा है। बाहरी ताकतों के पीछे भाजपा कांग्रेस के लोग शामिल हैं। पहाड़ विरोधी मानसिकता के लोगों को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
यहां भुवन पांडे, भगवंत सिंह राणा, विनोद नेगी, गौरव गोस्वामी सहित अन्य लोग मौजूद रहे।