अल्मोड़ा। नगर के एलआर साह रोड में स्थित एक दूध की डेयरी में बृहस्पतिवार सुबह भीषण आग लग गई। अचानक लगी इस आग ने देखते ही देखते पूरी दुकान को अपनी चपेट में ले लिया। जिससे मौके पर अफरा तफरी मच गई। इस अग्निकांड में डेयरी स्वामी दो लोग पिता और पुत्र झुलस गए। दोनों का अस्पताल में उपचार चल रहा है। डॉक्टर के मुताबिक दोनों खतरे से बाहर हैं। इस अग्निकांड में लाखों रुपये का सामान जलकर राख हो गया।
घटना सुबह करीब 9:30 बजे की है। यहां विशाल मेगा मार्ट के पास स्थित काफी प्रसिद्ध और पुरानी रतन गोपाल डेयरी है। हर रोज की तरह बृहस्पतिवार सुबह भी डेयरी के बाहर दूध लेने आए ग्राहकों की कतार लगी थी। अचानक दुकान के भीतर आग भड़क गई। आग लगते ही वहां खड़े ग्राहकों में अफरा तफरी मच गई। दुकान का स्टाफ आग बुझाने में जुटा गया। घटना की सूचना तत्काल फायर बिग्रेड को दी गई। मौके पर पहुंचे दमकल के चार वाहनों से मिनी हाई प्रेशर से पम्पिंग कर दो डिलीवरी होज रील की सहायता से आग को काबू किया गया। राहत की बात यह रही कि हादसे में कोई जनहानि नहीं हुई, लेकिन दुकान में रखा दूध व अन्य दुग्ध उत्पाद सहित अन्य सामान पूरी तरह जल गया।
जिस भवन में अग्निकांड हुआ वह काफी पुराना लकड़ी और पत्थर से बना है। आग से डेयरी में रखे सामान के अलावा दो मंजिल के तल पर लगे लकड़ी के तख्तों ने भी आग पकड़ ली। फायर और पुलिस कर्मियों के अलावा मौके पर पहुंचे लोगों ने घर में रह रहे परिवारों को वहां से हटाया। राहत की बात यह रही कि हादसे में कोई जनहानि नहीं हुई। हालांकि, अग्निकांड में डेरी स्वामी और उनके पुत्र के हाथ पैर, चेहरा आदि झुलस गए। एफएसओ महेश चंद्र ने बताया कि प्रथम दृष्टया शॉर्ट सर्किट या गैस चूल्हे की पाइप की लीकेज आग की वजह प्रतीत हो रही है। आगे जांच के बाद ही आग लगने का वास्तविक कारण पता चल सकेगा।
आग की सूचना के बाद काफी लोग घटनास्थल पहुंचे। लोगों ने आग बुझाने में सहयोग भी किया। यहां विधायक मनोज तिवारी, महापौर अजय वर्मा, एसएसपी देवेंद्र पींचा, एसडीएम संजय कुमार, पार्षद श्याम नारायण पांडे, सामाजिक कार्यकर्ता गिरीश धवन, नूर खान सहित दर्जनों लोग, पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौजूद रहे।
फायर सर्विस टीम की तत्परता से टला बड़ा हादसा
अल्मोड़ा। समय रहते डेयरी में आग पर काबू पाने के लिए फायर सर्विस टीम के समय पर घटनास्थल पर पहुंचने और कर्मियों की सक्रियता की लोगों ने तारीफ की है। स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर दमकल के वाहन और फायर सर्विस टीम समय पर नहीं पहुंचतीं, तो आग आसपास की दुकानों व भवनों में भी फैल सकती थी। यह सड़क काफी संकरी और यातायात के दबाव में काफी व्यस्त रहती है। सड़क में स्कूली बच्चों की आवाजाही को देखते हुए प्रशासन ने स्कूल समय पर अन्य वाहनों के लिए इस रोड को बंद किया है। अग्निकांड के समय सड़क को चौपाहिया वाहनों के लिए बंद कर दिया गया था।