अल्मोड़ा। लमगड़ा विकासखंड के गैलाकोट और बलसुना के ग्रामीण वर्षों से पेयजल संकट और जर्जर सड़क की समस्याओं से जूझ रहे हैं। बृहस्पतिवार को समाजसेवी बसंत बल्लभ पांडे के नेतृत्व में ग्रामीणों को प्रतिनिधिमंडल डीएम से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपा और समस्याओं के निदान की मांग उठाई।
ज्ञापन में ग्रामीणों ने कहा जहां एक ओर हर घर नल, हर घर जल योजना चलाई जा रही है वहीं, स्वतंत्रता सेनानी का गांव बलसुना 21वीं सदी में भी पेयजल जैसी बुनियादी सुविधा से वंचित है। महिलाओं और बच्चों को कई किमी दूर से पीने का पानी ढोना पड़ता है। इससे जहां जनजीवन प्रभावित हुआ है वही, कई परिवार गांव छोड़कर पलायन करने को मजबूर हुए हैं।
साथ ही गैलाकोट से बमनस्वान (गुरुड़ाबांज) तक जाने वाला संपर्क मार्ग कई वर्षों से जर्जर हालत में है। इस मार्ग में गहरे गड्ढें और टूटी सतह दुर्घटना को दावत दे रहे है। सीएम हैल्पलाईन में शिकायत के बाद लोनिवि द्वारा 403.46 लाख की लागत से मार्ग के पुनर्निर्माण का प्रस्ताव शासन को भेजा गया, लेकिन आज तक बजट की स्वीकृति नहीं मिल पाई है।
ग्रामीणों ने कहा हाल ही में एक शव वाहन दुर्घटनाग्रस्त होकर खाई में जा गिरा था, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई थी। बावजूद इसके शासन-प्रशासन की उदासीनता बनी हुई है। ग्रामीणों ने गैलाकोट–बलसुना को पेयजल पंपिंग योजना में शीघ्र जोड़ने और लमगड़ा–गैलाकोट–बमनस्वान मार्ग के पुनर्निर्माण की मांग की है। शीघ्र समस्या का समाधान नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।
उधर, ईई प्रांतीय खंड लोनिवि हर्षित गुप्ता ने बताया कि सड़क के पुनर्निर्माण के लिए शासन को जो प्रस्ताव भेजा गया था, उसमें कुछ तकनीकी आपत्तियां आई थीं, जिनका शीघ्र निराकरण कर वित्तीय स्वीकृति प्राप्त की जाएगी और टेंडर प्रक्रिया प्रारंभ की जाएगी।
ज्ञापन देने वालों में समाजसेवी बसंत बल्लभ पांडे के अलावा पान सिंह बिष्ट, गजेंद्र सिंह बिष्ट व अन्य ग्रामीण शामिल रहे।