अल्मोड़ा। अदम्य साहस, असाधारण वीरता दिखाने और देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले कैप्टन दीपक सिंह को भारत सरकार ने मरणोपरांत शौर्य चक्र सम्मान दिया है। गत दिवस राष्ट्रपति भवन में रक्षा अलंकरण समारोह के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शहीद की माता चंपा व पिता महेश सिंह कुंवार्बी को शौर्य चक्र पदक प्रदान किया।
द्वाराहाट विकास खण्ड के बग्वालीपोखर क्षेत्र के कामा निवासी कैप्टन दीपक सिंह सिग्नल कोर 48 वीं बटालियन राष्ट्रीय राइफल को मरणोंपरांत शौर्य चक्र मिलने पर क्षेत्रवासियों ने इसे देश का सम्मान बताते हुए हर्ष जताया।
14 अगस्त 2024 को जम्मू कश्मीर के डोडा जिले में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में कैप्टन दीपक सिंह और उनके साथी मिशन पर थे। उन्होंने अदम्य साहस दिखाते हुए भारी गोलाबारी के बीच अपने सैनिकों को बचाया। खुद घायल होने के बाद भी एक आतंकी को घायल कर पराक्रम दिखाया। उनके सर्वोच्च बलिदान के लिए मरणोपरांत उन्हें शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया। उनके सम्मान को देश के लिए समर्पित बताते हुए क्षेत्र वासियों ने कैप्टन दीपक सिंह को राष्ट्र व क्षेत्र का गौरव बताया।
शहीद के पिता महेश कुवार्बी देहरादून पुलिस में हैड इंस्पेक्टर रहे। उन्होंने वीआरएस ले लिया है। उनकी दो बड़ी विवाहित पुत्रियां हैं। दीपक सबसे छोटे थे। महज 25 वर्ष की आयु में उन्होंने देश के लिए सर्वोच्च निछावर कर दिया।
द्वाराहाट विधायक मदन सिंह बिष्ट, जिपं अध्यक्ष प्रशासक उमा सिंह, पूर्व विधायक महेश नेगी, पुष्पेश त्रिपाठी, भाजपा नेता अनिल शाही, ब्लॉक प्रमुख दीपक किरौला, गणेश कुंवार्बी, पूर्व सैनिक संगठन के अध्यक्ष ललित मोहन सिंह नेगी, विनोद जोशी सहित कामा के ग्रामीणों व द्वाराहाट, बग्वालीपोखर क्षेत्र के लोगों ने खुशी जताई।