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लापरवाही: चार दिन भी नहीं टिक पाई दीवार, निर्माण कार्यों की खुली पोल, दोषी ठेकेदारों व अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की मांग

अल्मोड़ा। द्वाराहाट विकासखंड के बग्वालीपोखर-मल्ली मिरई मोटर मार्ग पर निर्माण कार्यों की गुणवत्ता एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गई है। इस मार्ग पर हाल ही में राष्ट्रीय परियोजना निर्माण निगम लिमिटेड (एनपीसीसी) भिकियासैंण द्वारा बनाई गई सड़क की सुरक्षा दीवार महज चार दिन में ही भरभरा कर ढह गई। ग्रामीणों का कहना है कि यह दीवार पहले से ही जोखिमपूर्ण स्थिति में थी, लेकिन कंपनी ने खानापूर्ति करते हुए उसमें घटिया निर्माण सामग्री का प्रयोग किया, जिसका नतीजा अब सामने है।

 

स्थानीय लोगों के मुताबिक, यह सड़क पिछले पांच वर्षों में ही जर्जर अवस्था में पहुंच चुकी है। सड़क पर जगह-जगह गड्ढे बन चुके हैं जिन्हें मिट्टी से भरकर औपचारिकता निभा दी गई। दोसाद पुल के पास नदी की ओर स्थित दीवार पहले से ही क्षतिग्रस्त थी। हाल ही में कम्पनी ने उसकी मरम्मत कर दोबारा चिनाई की, लेकिन निर्माण कार्य की गुणवत्ता इतनी खराब थी कि दीवार चार दिन भी नहीं टिक सकी।

 

ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि सड़क निर्माण में मानकों की अनदेखी की जा रही है और इसकी कोई निगरानी नहीं हो रही। ऐसे में यह मार्ग न सिर्फ यात्रियों बल्कि आसपास के ग्रामीणों के लिए भी खतरा बन गया है। क्षेत्रीय लोगों ने पिछले एक वर्ष में कई बार इस मामले की शिकायत सीएम समाधान पोर्टल में भी की लेकिन वहां से भी ग्रामीणों के हाथ निराशा ही लगी।

 

उधर, एनपीसीसी मैनेजर आदित्य कुमार मंडल ने बताया कि दोसाद पुल के निकट की पहाड़ी पर स्लोप अधिक होने के कारण दीवार टिक नहीं पा रही है। मजबूत पिलर के निर्माण से ही यह काम संभव है। बरसात के कारण सड़क के गड्ढों में मिट्टी डाली गई है। अनुकूल मौसम होने पर डामरीकरण किया जाएगा।

 

उच्चस्तरीय जांच और जिम्मेदारी तय हो

अल्मोड़ा। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि इस प्रकरण की उच्चस्तरीय जांच हो और दोषी ठेकेदारों व अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही सड़क और दीवार की मरम्मत नहीं हुई तो वे आंदोलन का रास्ता अपनाने को मजबूर होंगे।

सामाजिक कार्यकर्ता बलवीर भंडारी, लीला भंडारी व धनी राम आर्या ने कहा कि यह ब्लाक मुख्यालय का मुख्यमार्ग होने के बाद भी मोटर मार्ग का सही नहीं होना क्षेत्रवासियों का दुर्भाग्य है। सड़क के बदहाल होने से आपातकालीन‌ एम्बुलेंस 108 नहीं आ पाती है। जिसके चलते गर्भवती महिलाओं को परेशानी उठानी पड़ती है। पूर्व प्रधान मेल्टा प्रमोद जोशी ने कहा यह सड़क मेल्टा के नाम पर है लेकिन मेल्टा गांव कहीं नजर नहीं आता है। एनपीसीसी भिकियासैंण किसी की नहीं सुनता है। अधिकारियों को सड़क की खस्ताहालत नहीं दिखती है।

 

 

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