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12 वां बी.डी पांडे स्मृति व्याख्यान:: सुविख्यात राजनयिक श्याम सरन बोले- हिमालय संरक्षण के लिए प्रकृति से सामंजस्य और वैज्ञानिक तरीके से काम करने की जरूरत

 

अल्मोड़ा। उत्तराखंड सेवा निधि पर्यावरण शिक्षा संस्थान में सोमवार को 12 वें बी.डी पांडे स्मृति व्याख्यान का आयोजन किया गया। जहां सुविख्यात राजनयिक श्याम सरन (पद्म भूषण) द्वारा हिमालय में पारिस्थितिकीय संकट विषय पर सारगर्भित व्याख्यान दिया गया।

 

पूर्व विदेश सचिव श्याम सरन ने अपने संबोधन में कहा कि हिमालय क्षेत्र सुंदर व आकर्षक होने के साथ ही पर्यावरणीय लिहाज से काफी संवेदनशील है। संतुलित विकास और प्रभावी नीतियों से ही हिमालय का संरक्षण हो सकता है। हिमालय की सेहत खराब हुई तो गंगा के उपजाऊ मैदान का अस्तित्व भी संकट पड़ेगा। हिमालय के संरक्षण को प्रबल राजनीतिक इच्छा शक्ति जरूरी है।

 

सरन ने हिमालयी राज्यों को पर्यावरण के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण, लेकिन बनावट की दृष्टि से काफी कमजोर बताया। उन्होंने कहा प्राणी मात्र के जीवन के लिए हिमालयी क्षेत्रों का अद्भुत योगदान है। हिमालय की सेहत खराब हुई तो गंगा का उपजाऊ मैदान रेगिस्तान हो जाएगा। जीवन की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए हिमालय के निवासियों को भी विकास की आवश्यकता है। यहां का विकास पर्यावरण की कीमत पर नहीं हो सकता है। प्रकृति से सामंजस्य और वैज्ञानिक तरीके से संतुलित विकास होना चाहिए।

 

सरन ने कहा कि 2008 में तत्कालीन केंद्र सरकार के निर्देश पर हिमालय राज्यों में विकास के लिए राष्ट्रीय एक्शन प्लान तैयार किया गया था। तब सरकार ने सैद्धांतिक तौर पर हिमालयी राज्यों को संतुलित विकास के एवज में भरपाई के तौर पर अतिरिक्त सहायता देना स्वीकार किया था। 15 साल बीतने के बाद भी इस एक्शन प्लान पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

उन्होंने हिमालय क्षेत्र में ऑल वेदर रोड, बड़े बांध समेत अन्य बड़ी परियोजनाओं से पैदा होने वाले दुष्परिणामों को लेकर सचेत किया। कहा मशीनों से पहाड़ काटकर चौड़ी सड़कों और रेलवे परियोजना में सुरंगों के निर्माण, विस्फोटकों का इस्तेमाल, बांध निर्माण के दौरान मलबे की उचित निकासी नहीं होना भविष्य के लिए गंभीर संकट खड़ा कर रहा हैं। विकास को लेकर जनता का सचेत रहना तो जरूरी है ही उससे भी अधिक राजनीतिक नेतृत्व को प्रबल इच्छा शक्ति के साथ नीतियों को धरातल पर लागू करना भी जरूरी है।

 

सरन ने कहा अल्पकालीन लाभ के लिए जीवन के अस्तित्व से खिलवाड़ करना मूर्खता है। हिमालयी क्षेत्र में हो रहा नियोजित विकास इसी श्रेणी में है। संचालन पद्मश्री डॉ. ललित पांडे ने किया। रंजन जोशी ने अतिथियों का आभार जताया।

कार्यक्रम में एसएसजे विवि के कुलपति प्रो. सतपाल सिंह बिष्ट, विजिटिंग प्रोफेसर प्रो. जेएस रावत, पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष प्रकाश जोशी, ग्रीन हिल्स की सचिव डॉ वसुधा पंत, एड. शेखर लखचौरा आदि मौजूद रहे।

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