अल्मोड़ा। जिला मुख्यालय से लगे चितई क्षेत्र में नेपाल मूल के एक व्यक्ति द्वारा 18 वर्षीय एक छात्रा के साथ दुराचार का प्रयास व अभ्रदता करने का मामला सामने आया है। पीड़िता के पिता का आरोप है कि महिला कोतवाली में तहरीर सौंपने के बाद भी एफआईआर दर्ज नहीं की गई। आरोप यह भी है कि आरोपित को कुछ प्रभावशाली लोगों का संरक्षण है तथा पुलिस अधिकारी भी प्रभाव में आकर मामले में लीपापोती कर रहे हैं।
उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष एड. पीसी तिवारी के नेतृत्व में पीड़िता के पिता द्वारा गुरुवार को एसएसपी देवेंद्र पींचा को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में छात्रा के पिता ने कहा कि गत माह 18 अक्टूबर की सुबह उनकी बेटी रोज की तरह गांव की एक बुजुर्ग महिला के यहां दूध देने गई थी। लौटते समय सुनसान रास्ते में एक नेपाली श्रमिक ने उसे रोका और अभ्रदता कर उसके साथ दुराचार करने की कोशिश की। किसी तरह पीड़िता वहां से भाग निकली।
परिजनों का आरोप है कि घटना की शिकायत दर्ज कराने जब वह महिला कोतवाली पहुंचे तो घटना को ठीक से दर्ज न कर उन्हें अपनी मर्जी से तहरीर लिखने को मजबूर किया। जिस पर वर्तमान तक कोई कार्यवाही नही की गई। आरोप है कि कुछ प्रभावशाली लोगों के संरक्षण व पुलिस की लापरवाही से आरोपित को परिवार सहित भागने का मौका दिया गया।
पीड़िता के पिता ने कहा कि मामले में संबंधित पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों की भूमिका संदिग्ध है जिसकी उच्च स्तरीय जॉच व कार्यवाही आवश्यक है। लेकिन न ही एफआईआर दर्ज की गयी और न आरोपित को पकड़ने की कोई कार्यवाही शुरु हुई है। परिजनों ने मामले में एफआईआर दर्ज कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है।
उपपा अध्यक्ष पीसी तिवारी ने इस गंभीर मामले में पुलिस के रवैये को चिंताजनक बताया और निष्पक्ष जांच करने की मांग की है। उधर, एसएसपी देवेंद्र पींचा ने बताया कि मामले में एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दे दिए गए है। जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे उस आधार पर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।
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