Breaking News
Oplus_131072

सल्ट में मिले विस्फोटक मामले में हुआ बड़ा खुलासा, 8 साल पहले इस मकसद से लाई गई थी जिलेटिन रॉड, एक व्यक्ति गिरफ्तार

अल्मोड़ा। सल्ट क्षेत्र के राजकीय उच्चतर माध्यिम विद्यालय डभरा के पास झाड़ियों में खुले स्थान से 161 जिलेटिन रॉड बरामदगी के मामले का पुलिस ने खुलासा किया है। पुलिस के मुताबिक सड़क निर्माण में चट्टानों को तोड़ने के लिए आठ साल पहले विस्फोटक जमा किया गया था। इस मामले में पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया है।

गौरतलब है कि बीते 21 नवम्बर को 161 जिलेटिन छड़ बरामद की थी। दिल्ली ब्लास्ट की घटना के बाद अचानक सामने आए विस्फोटक बरामदगी के इस मामले को आतंकवादी घटना से जोड़कर देखा जा रहा था। मामले के खुलासे को लेकर पुलिस पर काफी दबाव था।

 

एसएसपी देवेंद्र सिंह पींचा ने पत्रकार वार्ता में मामले का खुलासा करते हुए बताया कि एएसपी हरबंश सिंह एवं सीओ रानीखेत विमल प्रसाद के नेतृत्व में चार टीम गठित की थीं। बम डिस्पोजल टीम, डॉग स्क्वाड, स्थानीय व आसपास के थाना पुलिस, एलआईयू व आईआरबी को ब्रीफ कर आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए थे।

 

पुलिस टीमों ने घटनास्थल एवं उसके आस-पास के क्षेत्रों में सघन सर्च अभियान चलाया। मामले में प्रशान्त कुमार विष्ट (35) पुत्र रविश चन्द्र विष्ट, निवासी गरसारी थाना पाटी, चम्पावत को गिरफ्तार किया गया है।

पुलिस की पूछताछ में आरोपित ने बताया कि वर्ष 2016-17 में तीन किमी लम्बी रोड निमार्ण का कार्य लिया था। उस दौरान नजदीकी गांव में किराये का कमरा लेकर रहता था। निर्माणाधीन रोड में चट्टान आने से वर्ष 2018 में उसके पार्टनर लवी ने किसी से बात की और वही जिलेटिन लाया था।

 

आठ वर्ष तक कमरा खाली नहीं करने पर जून 2025 को मकान मालिक हिम्मत सिंह ने किरायेदार से सम्पर्क किया, लेकिन वह नहीं आया। उसने मकान मालिक से कमरे का ताला तोड़ने को कहा। मकान मालिक ने मजदूरों से कमरे की सफाई कराकर सभी सामग्री को झाड़ियों में फेंक दिया। मकान मालिक को विस्फोटक के बारे में जानकारी नहीं थी।

 

एसएसपी ने कहा मामले में अन्य संलिप्तों के बारे में जांच की जा रही है। दोषी पाए जाने पर उन्हें भी गिरफ्तार किया जाएगा।

Check Also

डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ की बैठक संपन्न, अभियंताओं के निलंबन वापस न लेने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी

अल्मोड़ा। उत्तराखंड डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ जनपद शाखा की मासिक बैठक आयोजित की गई। जिसमें संगठन …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *