अल्मोड़ा। लमगड़ा थाना क्षेत्र के सांगड़ साहू गांव में बुजुर्ग महिला हत्याकांड का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। महिला का हत्यारा निकटवर्ती गांव निवासी और मृतका की जान पहचान वाला पीआरडी में तैनात जवान निकला। पुलिस के मुताबिक रुपए के लालच ने उसे कातिल बना दिया। पुलिस ने बताया कातिल द्वारा महिला के गले से लूट कर बेचा गया गुलोबंद और इससे मिली धनराशि भी बरामद की गई है।
लमगड़ा के सांगड़ साहू गांव में की रात्रि सांगड़ साहू गांव की महिला गंगा देवी पत्नी मोहन सिंह की किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा हत्या कर गलोबन्द लूट लिया था। मौके पर ठोस साक्ष्य नहीं मिलने से कातिल तक पहुंचना आसान नहीं था। घटना की संवेदनशीलता को देखते हुए एसएसपी देवेन्द्र पींचा स्वयं घटनास्थल पर पहुंचे थे। फॉरेंसिक यूनिट को मौके पर बुलाकर साक्ष्य संकलन की कार्यवाही की गई। आरोपी की गिरफ्तारी के लिए एएसपी हरबंश सिंह व सीओ गोपाल दत्त जोशी के नेतृत्व में निरीक्षक भुवन चन्द्र जोशी प्रभारी एसओजी, थानाध्यक्ष लमगड़ा प्रमोद पाठक, थानाध्यक्ष धौलछीना सुनील सिंह बिष्ट, थानाध्यक्ष दन्या दिनेश नाथ महंत के नेतृत्व में 25 पुलिसकर्मियों की कुल चार टीमों का गठन किया था।
एसएसपी ने पत्रकार वार्ता में घटना का खुलासा करते हुए बताया किमृतका का घर एकांत में होने व आस-पास कोई सीसीटीवी कैमरा नहीं होने, रंजिश नहीं होने के कारण पुलिस टीम के लिए हत्या का खुलासा करना काफी चुनौतीपूर्ण हो गया था।
पुलिस टीम द्वारा लमगड़ा से लेकर हल्द्वानी तक करीब चार सौ सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली गई। मैनुअल, सर्विलांस, फॉरेंसिक साक्ष्य संकलन, टैक्निकल टीमों के समन्वय और संदेह पर चौदह दिसम्बर को पुलिस ने गोपाल सिंह (40) पुत्र स्व. दीवान सिंह, निवासी सांगड़ साहू क्वार्बी लमगड़ा को हिरासत में लिया।
पुलिस ने बताया आरोपी गोपाल सिंह के कब्जे से एक लाख 20,500 बरामद हुए। सख्ती से पूछताछ करने पर उसके द्वारा गंगा देवी की हत्या कर गुलोबंद लूटना कबूल किया गया। गोपाल सिंह की निशानदेही पर पुलिस ने हल्द्वानी में सुनार की दुकान से गुलोबंद बरामद कर लिया है। हत्याकांड का खुलासा करने वाली पुलिस टीमों को आईजी कुमाऊं रेंज रिद्धिम अग्रवाल द्वारा 15,000 रुपये और एसएसपी देवेंद्र पींचा द्वारा 10,000 रुपये के नगद ईनाम से पुरस्कृत किया है।
रुपए के लालच ने पीआरडी जवान को बनाया कातिल
अल्मोड़ा। पुलिस के मुताबिक आरोपी गोपाल सिंह ने बताया वह गांव में और लोगों के साथ-साथ मोहन सिंह (गंगा देवी के पति) के यहां भी खेत जोतने का कार्य करता था। जिससे उसे मजदूरी के रुप में पैसे मिल जाते थे। आरोपी की बेटी की शादी नवंबर माह के अंत में तय थी, जिसके लिए वह पैसों का इंतजाम नही कर पा रहा था। गंगा देवी ने उसे लड़की की शादी के लिये 25 हजार रुपये देने का वादा किया था। 14 नवंबर को वह गंगा देवी के घर पहुंचा और रुपये मांगने पर गंगा देवी ने रुपये नही दिए तो गुलोबंद से उसका गला दबाकर हत्या कर दी।
मृतका के कान से कुण्डल भी नोचने का प्रयास किया। डोरी में बंधे होने के कारण नहीं लूट पाया। गंगा देवी की हत्या बाद गोपाल ने गलोबन्द निकालकर महिला को बेड में सुलाया और कम्बल डालकर अपने घर को चला गया। गोपाल ने गुलोबंद को एक पत्थर के नीचे छुपा दिया था।
तीस नवम्बर को उसने किसी तरह बेटी की शादी कर दी। जब उसे लगा पुलिस का ध्यान उसे पर नहीं है तो वह गुलोबंद बेचने को हल्द्वानी चला गया। 12 दिसम्बर को हल्द्वानी में एक सुनार की दुकान पर मृतका गंगा देवी का गुलोबंद एक लाख 26 हजार रुपये में बेच दिया था। सुनार ने गोपाल से खरीदा आभूषण गलाया नहीं था। पुलिस ने इसे कब्जे में ले लिया।
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