अल्मोड़ा। पहाड़ों में गर्मी बढ़ने के साथ ही जंगलों में आग धधकने लगती है। जिससे लाखों की वन संपदा जलकर राख हो जाती है। आग पर काबू पाने वाला वन विभाग हर साल खुद को सक्षम बनाने की कवायद तो करता है मगर विभाग की योजनाएं धरातल पर नहीं उतर पाती है।
द्वाराहाट विकास खंड के ग्राम बैरती के तोक भगतौला का जंगल बीते दो दिन तक आग की लपटों से घिरा रहा। लेकिन वन विभाग से न तो कोई जिम्मेदार अधिकारी यहां पहुंचा और न ही वन विभाग की आग बुझाने वाली टीम दूर दूर तक नजर आई। आग धीरे धीरे पूरे जंगल को अपने चपेट में लेते जा रही थी और रिहायशी इलाके की ओर तेजी से बढ़ रही थी। जिस कारण अंत में गांव की महिलाओं व बच्चों को आग बुझाने के लिए खुद ही मैदान में उतरना पड़ा। महिलाएं व बच्चें पर्यावरण के प्रति अपना समर्पण दिखाते हुए सीमित संसाधनों में कड़ी मशक्कत के बाद वनाग्नि को बुझाने में कामयाब हुए।

महिलाओं का कहना है कि जिस तरह से इस बार आग लग रही है, इससे उनके चारा वाली जगहें खत्म हो जाएंगी, प्राकृतिक धारे-नौले सूख जाएंगे। इससे गांव के जानवर भूखे मर जाएंगे। वन विभाग को आग बुझाने के लिए ठोस पहल करनी चाहिए।
प्रधान पति विपिन चंद्र ने बताया कि दुनागिरी से सटे उनके गांव के आस पास के जंगल में बीते दो दिन तक जंगल में आग धधकती रही। जिसके बाद गांव की महिलाओं व बच्चों ने खुद ही मोर्चा संभालते हुए आग पर काबू पाया। आग बुझाने वालों में बीना जोशी, कल्पना जोशी, मीना, बीना, सौम्या, पूजा समेत कई महिलाएं व बच्चे मौजूद थे।
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