अल्मोड़ा: हवालबाग विकासखंड के ग्राम लाट में ट्रंचिंग ग्राउंड बनाए जाने के फैसले से ग्रामीणों का पारा चढ़ गया है। ग्रामीणों ने गांव में खुली बैठक कर मामले में आपत्ति जताई है। ग्रामीणों ने एक स्वर में कहा कि लाट क्षेत्र में ट्रंचिंग ग्राउंड कतई स्वीकार नहीं किया जाएगा। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से किसी अन्यत्र जगह पर ट्रंचिंग ग्राउंड बनाए जाने की मांग की है। ऐसा न होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है।
बैठक में ग्रामीणों ने कहा कि बाजार क्षेत्र का कूड़ा ग्रामीण क्षेत्र में डालना ठीक नहीं है। गंदगी से क्षेत्र में पर्यावरण प्रदूषित होने के साथ-साथ संक्रामक बीमारी फैल सकती है। ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए कहा कि जिला प्रशासन ने बिना स्थानीय जन प्रतिनिधियों और ग्रामीणों की सहमति के बगैर ग्राम पंचायत की गोचर भूमि को ट्रंचिंग ग्राउंड निर्माण के लिए जगह चिन्हित कर दी। जिसे ग्रामीण कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे।
ग्रामीणों ने कहा कि जिला प्रशासन ने जिस स्थान पर ट्रंचिंग ग्राउंड बनाए जाने का फैसला किया है वह आवासीय भवनों से कुछ दूरी पर है साथ ही उक्त क्षेत्र में ग्रामीणों का पेयजल स्रोत भी है। इसके अलावा मवेशी भी चारा चुगने के लिए उक्त क्षेत्र में जाते है। ऐसे स्थान पर ट्रंचिंग ग्राउंड बनाये जाने का फैसला बिल्कुल सही है। उन्होंने अंदेशा जताया है कि ट्रंचिंग ग्राउंड बनने से ग्रामीणो, मवेशियों व पर्यावरण को खतरा उत्पन्न हो सकता है।
ग्राम प्रधान लाट किरन लटवाल ने कहा कि सरकार एक ओर स्वच्छ भारत अभियान के तहत गांवों में सफाई के नाम पर लाखों रूपये खर्च रही है वही, दूसरी ओर नगर क्षेत्र के कूड़े के निस्तारण के लिए गांव के आस पास ट्रंचिंग ग्राउंड बनाए जाने का फैसला जनविरोधी है। ट्रंचिंग ग्राउंड बनने से लोगों के स्वास्थ्य, कृषि व पर्यावरण पर इसका असर पड़ेगा।
पूर्व प्रधान रविंद्र सिंह खोलिया ने कहा कि बिना स्थानीय जनता, जनप्रतिनिधियों की सहमति के बगैर इस तरह का फैसला लेना कतई सही नहीं है। जिला प्रशासन नगरपालिका क्षेत्र के कूड़े को पालिका क्षेत्र में ही निस्तारित करें। अगर ग्रामीणों की मांगों को अनसुना किया तो ग्रामीण सड़कों पर उतरने व उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।
ग्रामीण विनोद लटवाल ने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा जिस स्थान पर ट्रंचिंग ग्राउंड बनाए जाने के लिए जगह चिन्हित की गई है, वह आबादी क्षेत्र से कुछ ही दूरी पर है। ऐसे में यहां पर कूड़ा एकत्रित होने से दुर्गंध फैलेगी। इसके अलावा बीमारियों से ग्रसित होने का भी खतरा उत्पन्न हो जाएगा। जो आने वाली पीढ़ी के लिए नुकसानदेह साबित होगा।
बैठक में प्रधान किरन लटवाल के अलावा रविंद्र सिंह, महेंद्र सिंह लटवाल, प्रदीप लटवाल, राजेंद्र सिंह, शंकर सिंह, डुंगर सिंह, दीवान सिंह ढैला, शोबन सिंह, कृष्णा लटवाल, विनोद लटवाल, अर्जुन सिंह, विशन सिंह, अमर सिंह, मदन सिंह, पान सिंह, किशन सिंह, प्रकाश सिंह, कुशाल सिंह, दीपक खोलिया, राजेंद्र सिंह लटवाल, बचे सिंह, पूरन सिंह, नंदन सिंह, मोहन सिंह, आशीष खोलिया, राजेंद्र सिंह, नवीन खोलिया समेत अन्य ग्रामीण मौजूद रहे।
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