अल्मोड़ा। लैंगिक अपराध के एक मामले में विशेष सत्र न्यायाधीश श्रीकांत पाण्डेय की अदालत ने आरोपी को 21 वर्ष का कठोर कारावास व 18 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है।
अभियोजन कहानी के अनुसार पीड़िता के पिता द्वारा 24 मई 2023 को थाना चौखुटिया में तहरीर दी थी कि उसकी नाबालिग पुत्री सुबह सात बजे स्कूल के लिए गई थी, उसके बाद यह घर नहीं आई है। तहरीर के आधार पर थाना चौखुटिया में गुमशुदगी दर्ज की गई। पुलिस जांच में 26 मई को गुमशुदा पीड़िता को नजफगढ़ दिल्ली में एक सार्वजनिक पार्क में आरोपी अजय रावत पुत्र स्व. शोबन सिंह रावत, निवासी ग्राम टटलगाँव रामपुर चौखुटिया के साथ बरामद किया गया और आरोपी को गिरफ्तार किया गया।
पीड़िता के बयानों के आधार पर आरोपी के विरुद्ध दर्ज मुकदमे में विभिन्न धाराओं की बढ़ोतरी की गई। विवेचनाधिकारी द्वारा आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। विशेष सत्र न्यायाधीश के न्यायालय में मामले में अभियोजन की ओर से दस गवाहों को न्यायालय में परीक्षित किया गया तथा अभियोजन की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी पूरन सिंह कैड़ा, विशेष लोक अभियोजक घनश्याम जोशी एवं सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी कुंवर सिंह बिष्ट के द्वारा मामले में सबल पैरवी की।
न्यायालय द्वारा पत्रावली पर मौजूद दस्तोवजी साक्ष्यों का अवलोकन कर आरोपी को धारा 363 के तहत तीन वर्ष का कठोर कारावास व दो हजार रूपये का अर्थदण्ड, धारा 368 के तहत पांच वर्ष का कठोर कारावास व छह हजार रूपये के अर्थदण्ड, धारा 376 एबी एवं लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 5 जे व एम व धारा 6 के तहत 21 वर्ष का कठोर कारावास व 10 हजार रूपये के अर्थदण्ड से दंडित किया गया है। यह सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी तथा आरोपी द्वारा पूर्व में इस मामले में जेल में बिताई गई अवधि दण्डादेश की उक्त अवधि में समायोजित की जाएगी।