अल्मोड़ा: बिनसर में बीते दिनों जंगल की आग ने चार जिंदगियों को तबाह कर दिया। और 4 वनकर्मी दिल्ली एम्स में मौत व जिंदगी के बीच लड़ाई लड़ रहे है। अब इस मामले में राजनीति शुरू हो गई है। पूर्व राज्यसभा सांसद व कांग्रेस नेता प्रदीप टम्टा ने हादसे के लिए धामी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंनें कहा कि वन मंत्री घटना की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए तत्काल अपने पद से इस्तीफा दें। और मामले की उच्चस्तरीय जांच की जाए।
मंगलवार को नगर के एक होटल में आयोजित पत्रकार वार्ता में पूर्व सांसद प्रदीप टम्टा ने धामी सरकार पर कई गंभीर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि पिछले 4-5 माह से उत्तराखंड के जंगल धूं-धूं कर जल रहे हैं। इस फायर सीजन में प्रदेशभर में अब तक 10 लोग आग की भेंट चढ़ चुके हैं। जिसमें अकेले अल्मोड़ा में 9 लोगों की मौत हो चुकी है। लेकिन सरकार के पास अग्निशमन के लिए कोई प्रबंध तंत्र नहीं है। जो सरकार की विफलता है।
टम्टा ने कहा कि जिन वनकर्मियों को जंगल की आग से निपटने का दायित्व दिया गया है उन्हें आग बुझाने व आग से अपना बचाव करने के लिए कोई उपकरण व साजों सामान नहीं दिया गया है। बिनसर में भी वनकर्मी बिना उपकरणों के आग बुझाने गए। इस हादसे में चार वनकर्मियों को अपनी जान गंवानी पड़ी। जबकि चार वनकर्मी घायल हुए है। उन्होंने इस पूरी घटना के लिए प्रदेश की धामी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। कहा कि घटना के लिए विशेषकर वन मंत्री जवाबदेह है। उन्हें अपने पद पर रहने का कोई अधिकार नहीं है। हादसे की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए वन मंत्री को अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए।
पूर्व सांसद टम्टा ने कहा कि प्रदेश सरकार व वन मंत्री ने असंवेदनशीलता की हद पार कर दी है। वन मंत्री जिन कर्मचारियों के दम पर अपना यशोगान कर रहे है, घटना के एक सप्ताह बीते जाने के बावजूद उनकी सुध तक नहीं ली है। उन्होंने कहा कि सीएम धामी नैनीताल में घूम रहे है। लेकिन सीएम, वन मंत्री, स्थानीय सांसद, जिले के प्रभारी मंत्री पीड़ित परिवारों के आंसू पोछने नहीं पहुंचे। जिससे समझा जा सकता है सरकार घटना व पीड़ित परिवारों को लेकर कितनी संवेदनशील है।
टम्टा ने कहा कि बिनसर हादसे में वनकर्मी अपने कर्तव्य का पालन करते हुए मौत के आगोश में समा गए। ये वनकर्मियों की शहादत है। सरकार को उन्हें शहीद का दर्जा देना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार मृतकों के आश्रितों के लिए नौकरी और घायलों के लिए राहत राशी की तत्काल घोषणा करें।
प्रेस वार्ता में जिलाध्यक्ष भूपेंद्र सिंह भोज, नगरध्यक्ष तारा चंद्र जोशी, राजेंद्र बाराकोटी, दिनेश पिलख्वाल आदि मौजूद रहे।