अल्मोड़ा: पर्वतीय ठेकेदार संघ की बैठक बुधवार को प्रेरणा सदन में आयोजित की गई। बैठक में ठेकेदारों की तमाम समस्याओं व अन्य कई मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया। इस दौरान ठेकेदार संघ के पदाधिकारियों व अन्य कई ठेकेदारों ने अपने विचार रखें।
बैठक में वक्ताओं ने कहा कि हाल ही में हुई उत्तराखंड कैबिनेट बैठक में स्थानीय ठेकेदारों को पांच लाख रुपये तक टेंडर दिए जाने का फैसला लिया गया है। बाहरी बड़े ठेकेदारों के कारण राज्य के लोकल ठेकदार पहले से हाशिये पर है। इसलिए 5 लाख की बजाय लोकल ठेकेदारों को पांच करोड़ रुपये तक के टेंडर दिए जाए। ताकि राज्य के लोकल ठेकेदारों को बड़े-बड़े काम करने का मौका मिल सके। वही, टेंडर छोटे-छोटे भागों में दिए जाने की मांग की। ताकि लोकल ठेकेदार लाभान्वित हो सके।
इस दौरान पर्वतीय ठेकेदार संघ की ओर से 7 सूत्रीय मांगों को लेकर एक ज्ञापन मुख्यमंत्री को प्रेषित किया गया। ज्ञापन में ठेकेदारों के पंजीकरण के लिए सरलीकरण, अनुभव प्रमाण पत्र जारी होने में आ रही दिक्कतों, जीपीडब्ल्यू 9 के नियमों को हिंदी में परिवर्तित किए जाने, अधिशासी अभियंता प्रांतीय खंड के पद पर नियुक्ति किए जाने व पहाड़ की भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए रायल्टी की दर कम किए जाने, 5 लाख की बजाय लोकल ठेकेदारों को पांच करोड़ रुपये तक के टेंडर दिए जाने व टेंडर छोटे-छोटे भागों में दिए जाने आदि मांगें उठाई गई।
इस दौरान पर्वतीय ठेकेदार संघ के अध्यक्ष प्रयाग सिंह बिष्ट, महासचिव सुरेंद्र सिंह बेलवाल, उपाध्यक्ष गोपाल सिंह चौहान, अकरम खान, कोषाध्यक्ष जगदीश चंद्र भट्ट, मीडिया प्रभारी पूरन पालीवाल, धर्मेंद्र बिष्ट, राजेंद्र सिंह कनवाल, रमेश सिंह नयाल, गजेंद्र सिंह, पृथ्वीराज सिंह, सुदंर सिंह, गोपाल सिंह बिष्ट, महेश सनवाल, खीम सिंह बोरा, संजय मटेला, नरेंद्र सिंह, जीवन सिंह मेहरा, सुरेश चंद्र लोहनी, हितेश भट्ट, देवेंद्र सिंह बिष्ट, चंदन सिराड़ी, मंगल सिंह, बालम सिंह चिलवाल, सुंदर सिंह सिजवाली, सुनील कुमार पेटशाली, जगत सिंह बिष्ट, भगवान सिंह नेगी, विपिन बिष्ट, बिशन सिंह बिष्ट, पूरन चंद्र, दीपक पांडेय, राजेंद्र दुर्गापाल, जीवन भंडारी, ललित मेहता समेत कई ठेकेदार मौजूद रहे।