अल्मोड़ा। जिले के बाड़ेछीना क्षेत्र में एक बच्चे को सांप ने काट दिया। लेकिन बच्चे को अस्पताल लाने की जगह परिजन पहले झाड़फूंक कराते रहे। जब बच्चे की तबीयत ज्यादा बिगड़ने लगी तो उसे अस्पताल ले गए। जहां डॉक्टरों ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया। इस दुखद घटना के बाद बच्चे के स्वजनों में कोहराम मचा हुआ है।
जानकारी के मुताबिक, ग्राम सील, बाड़ेछीना निवासी दिनेश कुमार का सात वर्षीय बेटे नैतिक कुमार को घर के पास खेत में खेलने के दौरान सांप ने काट दिया। नैतिक ने इसकी जानकारी अपने परिजनों को दी। परिजन बच्चे को पास के ही एक गांव में झाड़फूक कराने ले गए। लेकिन बच्चे की तबीयत लगातार बिगड़ रही थी। बाद में लोगों की सलाह पर परिजन आनन फानन में देर रात बच्चे को मेडिकल कॉलेज से संबद्ध बेस अस्पताल लाए। लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। अस्पताल में चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। साथ में आई नैतिक की मां अस्पताल में फूट-फूट कर रोने लगी। बच्चे की मौत के बाद सील गांव में मातम मसरा हुआ है।
बेस अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा अधीक्षक अमित कुमार ने कहा कि, अगर परिजन समय पर बच्चे को अस्पताल लाते तो शायद उसकी जान बचाई जा सकती थी। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि वर्तमान में अस्पताल में सर्पदंश के उपचार के लिए डॉक्टर व सभी दवाईयां उपलब्ध है। ऐसे केस में अंधविश्वास में पड़ने के बजाय घायल को अस्पताल लाए, ताकि उसे जरूरी व बेहतर इलाज मिल सके।
नैतिक गांव के ही सरकारी स्कूल में कक्षा दो का छात्र था। उसका एक बड़ा भाई व एक छोटी बहन है। नैतिक के पिता गुड़गांव में एक होटल में नौकरी करते है। कलेजे के टुकड़े की दुखद मौत से परिजनों में कोहराम मचा हुआ है।