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Almora:: बुजुर्ग महिला ने डेढ़ साल पहले लगाई गुहार तो मित्र पुलिस ने नहीं सुनी, अब कोर्ट के आदेश पर दर्ज हुआ मुकदमा, जानिए पूरा मामला

अल्मोड़ा। बुजुर्ग महिला के दस्वावेजों व अन्य अभिलेखों का दुरुप्रयोग कर फर्जी बैनामा करने के मामले में कोर्ट के आदेश के बाद कोतवाली पुलिस ने दिल्ली निवासी एक व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। पीड़ित महिला का आरोप है कि उसने डेढ़ साल पहले कोतवाली पुलिस से इस मामले की शिकायत की थी। लेकिन तब पुलिस द्वारा मुकदमा दर्ज नहीं किया गया। जिसके बाद महिला ने कोर्ट की शरण ली। और कोर्ट ने महिला के प्रार्थना पत्र को स्वीकार करते हुए पुलिस को मुकदमा दर्ज के आदेश दिए।

फलसीमा निवासी भागीरथी देवी पत्नी स्व. पान सिंह ने शिकायत कर कहा कि फलसीमा गांव की गोल खाते की बे-बंटवारा जमीन को दिल्ली निवासी अविनाश यादव पुत्र महेंद्र सिंह यादव ने 35 रजिस्ट्री के माध्यम से करीब 72 नाली जमीन खरीदी है। आरोपित अपने पैसे, प्रभाव तथा स्थानीय दलालों के माध्यम से उनके गांव फलसीमा की कीमती जमीनों की खरीद फरोख्त में लगा है इसके लिये उसने ग्रामीणों की अज्ञानता, मजबूरियों व उन्हें तरह तरह से प्रभावित कर बड़े पैमाने पर गांव की बे-बंटवारा गोल खातों की जमीन क्रय की हैं।

पीड़िता का आरोप है कि रजिस्ट्री के दिन वह रजिस्ट्रार कार्यालय गई ही नहीं थीं लेकिन उनके आधार कार्ड एवं अन्य अभिलेखों का दुरुपयोग कर उनके नाम से कूटरचित फर्जी बैनामा किया गया। पीड़ित महिला ने इस मामले का पता चलने पर 31 मई 2022 को कोतवाली अल्मोड़ा में लिखित रिपोर्ट दी। लेकिन पुलिस ने उसे दर्ज नहीं किया। लगातार प्रयास करने के बावजूद रिपोर्ट दर्ज न होने पर पीड़ित ने कोर्ट की शरण ली और मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के न्यायालय में मुकदमा दर्ज करने का प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया।

प्रभारी एसएचओ कोतवाली अल्मोड़ा अजेंद्र प्रसाद ने कहा कि डेढ़ साल पहले वह यहां पर तैनात नहीं थे तब मुकदमा दर्ज नहीं करने की क्या वजह रही, उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं है। कोर्ट ने आदेश पर आरोपित अविनाश यादव पुत्र महेंद्र सिंह यादव के खिलाफ सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज कर दिया गया है। मामले की विवेचना एसआई देवेंद्र सिंह को सौंपी गई है। विवेचना में जो भी तथ्य सामने आएंगे उस आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

पीड़िता के अधिवक्ता एडवोकेट पीसी तिवारी ने कहा कि इस गंभीर अपराध में आरोपित के साथ शामिल अन्य सह आरोपितों की पहचान के लिए मुकदमा दर्ज कर जांच करने की आवश्यकता है। कोर्ट के आदेश पर रिपोर्ट दर्ज होने के बाद यदि इस मामले की निष्पक्ष जांच हो पाई, तो उसके दूरगामी परिणाम सामने आएंगे।

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