अल्मोड़ा। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की स्नातक स्तरीय परीक्षा में हुई धांधली मामले का पर्दाफाश होने के बाद आयोग व सरकार पर कई सवाल उठने लगे है। विपक्षी पाटियां व दल भी सरकार पर हमलावर है।
उत्तराखंड क्रांति दल की जनपद इकाई ने भर्तियों में हुए घोटालों के उजागर होने और उनमें लिप्त कुछ लोगों की गिरफ्तारी को देखते, राज्य सरकार द्वारा की गयी सभी नियुक्तियों में व्यापक भ्रष्टाचार की आशंका जताई है।
उक्रांद ने राज्यपाल को भेजे ज्ञापन में कहा है कि इसके लिए एस.आई.टी तथा एस.टी.एफ की जांच पर्याप्त नहीं हैं। अभी तक पकड़ में आये लोगों में जिला पंचायत सदस्य, पी.आर.डी कर्मचारी या फिर निचले स्तर के लोग ही हैं। उक्रांद का मानना है कि इतने बड़े मामले में शासन-प्रशासन में बैठे लोगों का हाथ होने की पूरी संभावना है।
ज्ञापन में यह भी कहा कि पूर्व में विधानसभा सचिवालय प्रशासन में नियुक्ति, उपनल के माध्यम से हुई नियुक्तियों में भी गड़बड़ी होने की बात सामने आई थी। इसलिए उत्तराखंड क्रांति दल ने सरकारी विभागों में हुई सभी नियुक्तियों की सी.बी.आई अथवा न्यायिक जांच की मांग की है।
ज्ञापन भेजने वालों में जिलाध्यक्ष शिवराज बनौला, ब्रहृमानंद डालाकोटी, महेश परिहार, गिरीश साह, मुमताज कश्मीरी, कैलाश सिजवाली, गिरीश नाथ गोस्वामी, दिनेश जोशी, बसन्त बल्लभ जोशी आदि मौजूद रहे।
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