इंडिया भारत न्यूज डेस्कः उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की स्नातक स्तरीय परीक्षा लीक मामले में स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने बीते दिनों उत्तरकाशी के जिला पंचायत सदस्य हाकम सिंह को गिरफ्तार किया है। हाकम की गिरफ्तारी के बाद पूर्व मुख्यमंत्रियों, मंत्रियों, भाजपा नेताओं व आला अधिकारियों के साथ उसकी फोटो सोशल मीडिया में तैर रही है। इसी बीच अब सोशल मीडिया में हाकिम की कुछ तस्वीरें और वायरल हो रही है जिसमें वह उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार के साथ नजर आ रहा है। इन फोटो के वायरल होने के बाद कई तरह के सवाल खड़े होने लगे है।
हाकिम के नेताओ-अफसरों के साथ फोटो वायरल होने के मामले में डीजीपी अशोक कुमार ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट के जरिए स्पष्टीकरण देते हुए कहा है कि इस मामले में एसटीएफ कम समय में ही 18 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। पुलिस की नजर में उक्त सभी सिर्फ अपराधी हैं और उनकी जगह सिर्फ जेल है। उन्होंने लिखा है कि किसी राजनेता या अधिकारी के साथ फोटो खिंचाने से कोई अपराधी कानून की नजर से बच नहीं पाएगा।
हाकम सिंह की गिरफ्तारी के बाद भी लोग इन तस्वीरों के आधार पर जांच दल की तटस्थता पर सवाल खड़ा कर रहे हैं। इसको लेकर सरकार पर भी व्यंग्य बाण हो रहे हैं।
मैखुरी ने लिखा डीजीपी को खुला पत्र
हाकम सिंह के साथ वायरल तस्वीर को लेकर भाकपा;माले के गढ़वाल सचिव इंद्रेश मैखुरी ने डीजीपी अशोक कुमार कुमार को खुला पत्र लिखते हुए सवाल खड़े किए हैं। मैखुरी ने कहा है कि हाकम के खिलाफ पूर्व में मुकदमें दर्ज होने के बावजूद क्या डीजीपी को उसके बैकग्राउंड की जानकारी नहीं थी। अपने पत्र में मैखुरी ने कहा है कि इस मामले में एसटीएफ की अब तक की कार्यवाही कुछ उम्मीद तो जगाती है। लेकिन हाकम सिंह पर फॉरेस्ट गार्ड परीक्षा मामले में भी मंगलौर थाने में एफआईआर दर्ज हुई थी। अब उसकी पूर्व मुख्यमंत्री के साथ ही विभिन्न मंत्रियों के साथ तस्वीरें वायरल हो रही हैं।
हैरत की बात है, एक तस्वीर में खुद डीजीपी अशोक कुमार भी सपरिवार हाकम के रिसोर्ट में नजर आ रहे हैं। तो क्या डीजीपी को यह पता नहीं था कि हाकम सिंह किस तरह का आदमी है। इतने बड़े तंत्र के बावजूद यह चूक कैसे हुई। इन तस्वीरों से पुलिस की तटस्थता पर सवाल उठ रहे हैं। उन्होंने इस ममले की निष्पक्ष जांच की मांग की है।
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