अल्मोड़ा: उत्तराखंड में खूंखार वन्य जीवों का आतंक सिर चढ़कर बोल रहा है। जिले के द्वाराहाट ब्लॉक में गुलदार ने एक बुजुर्ग को अपना निवाला बना दिया। इस घटना के बाद गांव में गम व दहशत का माहौल है। वही, ग्रामीणों में वन विभाग के खिलाफ भारी आक्रोश भी है।
मामला विकास खंड के दैना गांव का है। जहां 65 वर्षीय मोहन राम पुत्र स्व. प्रेम राम बीते मंगलवार को मवेशियों को चराने के दौरान दिन के वक्त अचानक लापता हो गए। परिजनों और ग्रामीणों ने उनकी तलाश की, लेकिन देर शाम तक उनका कोई सुराग नहीं लगा।
इधर, बुधवार सुबह ग्रामीणों ने फिर खोजबीन शुरू की। सुबह गांव से करीब किमी दूर उनका क्षत-विक्षत शव बरामद हो गया। ग्रामीणों बताया कि शव को गुलदार आधे से अधिक खा चुका था। लगभग एक चौथाई हिस्सा ही शेष बचा था।
ग्रामीणों की सूचना के बाद रानीखेत से संयुक्त मजिस्ट्रेट जय किशन, तहसीलदार मनीषा मारकाना समेत अल्मोड़ा से प्रभागीय वनाधिकारी महातिम यादव, सोमेश्वर के वन क्षेत्राधिकारी मनोज कुमार लोहनी भी मौके पर पहुंचे।
बीडीसी सदस्य दीपक कन्नू साह समेत ग्रामीणों ने अधिकारियों के समक्ष कड़े गुस्से का इजहार करते हुए शव उठाने से इंकार कर दिया। कहा कि गांव में लंबे समय से गुलदार के आतंक की कई बार शिकायत करने के बावजूद वन विभाग की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं होने से बुजुर्ग ग्रामीण को जान गंवानी पड़ी। ग्रामीणों की मांग पर वन विभाग की तरफ से गांव में पिंजरा लगाया गया। विभाग ने 50 हजार के मुआवजे का चेक भी पीड़ित परिवार को सौंपा। करीब तीन घंटे के हंगामे के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए राजकीय चिकित्सालय रानीखेत भेजा गया।
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